मोदी सरकार की सख्ती से घबराया पाकिस्तान, हाफिज सईद समेत लश्कर के शीर्ष आतंकी छिपने को मजबूर

पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना को पूरी स्वतंत्रता और छूट दी थी ताकि वे बिना किसी रुकावट के आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकें। इस आदेश के बाद पाकिस्तान में बैठे भारत के दुश्मन, खासकर आतंकवादियों के आकाओं में हड़कंप मच गया है। इनमें से एक प्रमुख नाम हाफिज सईद का है, जो अब पाकिस्तान में अपने सुरक्षित ठिकाने की तलाश कर रहा है। पाकिस्तान, जो आतंकवादियों का समर्थन करता है, ने हाफिज सईद को छिपाने की पूरी कोशिश की है। इसके अलावा, लश्कर-ए-तैयबा के अन्य आतंकवादी कमांडरों को भी भारतीय सेना की कार्रवाई से बचाने के लिए पाकिस्तान ने छिपा रखा है। 


 सूत्रों के अनुसार, इनमें हाफिज सईद के अलावा लश्कर के कई शीर्ष आतंकवादी कमांडर शामिल हैं, जैसे कि जाकिर रहमान लखवी, जो लश्कर का मुख्य मास्टरमाइंड है, गजनवी, लश्कर का प्रवक्ता, कश्मीर ऑपरेशन के प्रमुख यूसुफ मुजम्मिल, पूरे भारत में ऑपरेशनों को संचालित करने वाले आजम चीमा, जम्मू के लश्कर प्रमुख उमर सोफियान, कश्मीर के प्रभारी अबू अनस, समन्वयक हुजैफा हाजी और अब्दुल अजीज अल्वी। इन आतंकवादियों को अब सबसे ज्यादा डर भारतीय सेना की कड़ी प्रतिक्रिया से है, खासकर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सेना को दिए गए खुले आदेशों के बाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि आतंकवादियों को दुनिया के किसी भी कोने से पकड़ने का प्रयास किया जाएगा और उन्हें सजा दी जाएगी। इसके बाद भारतीय सेना ने भी सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, और लंबी दूरी के मिसाइल हमलों जैसे कई सैन्य विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है। 

भारत के पास अब अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट्स और एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल सिस्टम्स जैसे शक्तिशाली हथियार हैं, जिनसे दुश्मन के ठिकानों पर सटीक और प्रभावी हमले किए जा सकते हैं। ये उपकरण न केवल आतंकवादियों को नष्ट करने के लिए सक्षम हैं, बल्कि पाकिस्तान के भीतर आतंकी कैंपों और सैन्य ठिकानों को भी निशाना बना सकते हैं। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और निर्णायक कदम उठाते हुए, हाल ही में अपना हवाई क्षेत्र पाकिस्तानी विमानों के लिए बंद कर दिया है। यह प्रतिबंध 23 मई तक प्रभावी रहेगा, जिसका मतलब है कि अब कोई भी पाकिस्तानी नागरिक या सैन्य विमान भारतीय वायुक्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेगा। यह कदम भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए बड़े कदमों में से एक है, जिसे भारतीय सरकार ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद का समर्थन करने और सीमाओं पर शांति भंग करने के खिलाफ ठोस संदेश भेजने के रूप में देखा है।

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