नौसेना हाई अलर्ट पर, पाकिस्तान को सता रहा जवाबी कार्रवाई का डर

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा तनाव अब सैन्य स्तर पर तीव्रता से महसूस किया जा रहा है। भारत की तीनों सेनाएं—थल, वायु और नौसेना—पूरी सतर्कता के साथ उच्चतम स्तर पर तैयार हैं। जहां एक ओर पाकिस्तान को भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई का भय लगातार सता रहा है, वहीं भारत की ओर से लगातार सामरिक गतिविधियों को तेज किया जा रहा है। विशेष रूप से भारतीय नौसेना ने अरब सागर में समुद्री सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए व्यापक और रणनीतिक अभ्यास शुरू कर दिए हैं। भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर नौसेना द्वारा किए जा रहे इन अभियानों का मुख्य उद्देश्य देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। समाचार एजेंसी एएनआई के रक्षा सूत्रों के मुताबिक, नौसेना के युद्धपोतों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। 

नौसेना ने समुद्र में अपने जहाजों की तैनाती बढ़ा दी है और साथ ही अत्याधुनिक एंटी-शिप और एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों का परीक्षण भी किया है। ये परीक्षण न केवल युद्ध की संभावित स्थिति के लिए तत्परता को दर्शाते हैं, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति और सामरिक स्थिति का प्रदर्शन भी करते हैं। भारतीय तटरक्षक बल भी इस पूरे अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। वह नौसेना के साथ मिलकर गुजरात के तटीय क्षेत्रों और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा (IMBL) के पास निगरानी बढ़ा रहा है। अग्रिम चौकियों पर जहाजों की तैनाती से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत समुद्र के रास्ते किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षणों के माध्यम से नौसेना की संचालन क्षमताओं, युद्धपोतों, हथियार प्रणालियों और कर्मियों की युद्ध स्थितियों में लंबी दूरी के हमलों के लिए तत्परता की दोबारा पुष्टि की गई है। इस अभ्यास का उद्देश्य न केवल भारत की समुद्री रक्षा क्षमताओं को दिखाना है, बल्कि यह भी स्पष्ट करना है कि भारत किसी भी स्थिति में अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा।

इस अभ्यास के तहत किए गए मिसाइल परीक्षणों में सटीकता, गति और लक्ष्य पर केंद्रित आक्रामक क्षमता को दर्शाया गया। इन सफल परीक्षणों ने भारतीय नौसेना की ताकत और उसकी रणनीतिक पहुंच को प्रमाणित किया है। नौसेना का यह रुख इस बात का प्रतीक है कि भारत समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए न केवल पूरी तरह से तैयार है, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर जवाबी कार्रवाई में भी कोई कमी नहीं छोड़ेगा। गौरतलब है कि इससे पहले, नौसेना के अत्याधुनिक युद्धपोत INS सूरत ने अरब सागर में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MR-SAM) प्रणाली का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण पाकिस्तान नौसेना द्वारा संभावित सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के अभ्यास से कुछ दिन पहले हुआ था। MR-SAM प्रणाली को सतह से आने वाली मिसाइलों, ड्रोन और हवाई हमलों के खिलाफ एक अत्यंत प्रभावी प्रणाली माना जाता है। इस सफल परीक्षण ने भारतीय नौसेना की वायु रक्षा क्षमताओं को और अधिक मजबूती प्रदान की है।

INS सूरत, भारतीय नौसेना के स्वदेशी तकनीक से निर्मित नवीनतम निर्देशित मिसाइल विध्वंसक जहाजों में से एक है। इस जहाज से मिसाइल प्रणाली के सफल परीक्षण ने भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी सक्षमता को और भी अधिक ऊंचाई पर पहुंचाया है। भारतीय नौसेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि वह देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार, विश्वसनीय और भविष्य के लिए तैयार है। इन घटनाक्रमों से यह स्पष्ट होता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपना रहा है, और अपनी सैन्य तैयारियों को खुले तौर पर प्रदर्शित कर रहा है। देश की तीनों सेनाएं एकजुट होकर काम कर रही हैं, जिससे यह संदेश भी जा रहा है कि भारत न केवल शांति चाहता है, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर निर्णायक कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। इस पूरे घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। 

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