बिहार चुनाव में फिर दिखेगा AIMIM का दम, ओवैसी की एंट्री से तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ीं

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य की सियासी सरगर्मी तेज़ होती जा रही है। एक ओर जहां एनडीए और इंडिया गठबंधन आमने-सामने हैं, वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की घोषणा ने महागठबंधन, खासतौर पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की चिंता बढ़ा दी है। 


हैदराबाद में मीडिया से बात करते हुए ओवैसी ने साफ किया कि उनकी पार्टी इस बार भी बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेगी। उन्होंने कहा, "हम बहादुरगंज से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर चुके हैं। 3 मई को मेरी वहां एक जनसभा है और 4 मई को एक अन्य स्थान पर सभा होगी। हम इस बार और बेहतर प्रदर्शन करेंगे। सीमांचल के लोग उन दलों को सबक सिखाएंगे जिन्होंने हमारे विधायकों को तोड़ा है।"

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 18 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और सीमांचल क्षेत्र में पांच सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। यह जीत महागठबंधन के लिए झटका थी क्योंकि कई जगह AIMIM के उम्मीदवारों ने RJD की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया। इस बार फिर AIMIM की मौजूदगी से खासकर सीमांचल क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन सकती है।

ओवैसी ने जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "जब केरल में RSS की बैठक में भी जाति जनगणना की बात हो सकती है, तो केंद्र सरकार इसे अब तक क्यों टाल रही है? हम जानना चाहते हैं कि जनगणना कब शुरू होगी, कब पूरी होगी और इसका डेटा जनता के सामने कब आएगा?"

हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले पर भी ओवैसी ने केंद्र को आड़े हाथों लिया। उन्होंने तीखे अंदाज़ में कहा, "बीजेपी कहती है 'घर में घुस के मारेंगे', तो अब क्यों नहीं 'घर में घुसकर बैठ गए'? भारतीय संसद ने पीओके को भारत का हिस्सा माना है। ऐसे में केंद्र सरकार को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। विपक्ष आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, लेकिन कार्रवाई न होना गंभीर सवाल खड़े करता है।"

For all the political updates download our Molitics App : Click here to Download
Article