पूर्व अमेरिकी अधिकारियों ने डोनाल्ड ट्रंप के भारत‑पाक कदमों पर चिंता जताई: 'ऐसा होना चाहिए…

पूर्व अमेरिकी अधिकारी अब सामने आकर स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के भारत‑पाकिस्तान से जुड़े कुछ फैसले चिंताजनक हैं और इनके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। उनका सुझाव है कि अमेरिका को इस क्षेत्र में भूमिका निभाते समय संतुलन और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।


रणनीतिक साझेदारी को नुकसान?


कुछ पूर्व ऑफिसियल्स जैसे जेक सुलिवन (पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत‑अमेरिका के करीबी रिश्ते को कमजोर कर दिया और पाकिस्तान के साथ अपने निजी व्यापारिक संबंधों को प्राथमिकता दी। उन्होंने इस कदम को “विशाल रणनीतिक नुकसान” बताया है। ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि इस बयान से यह साफ होता है कि अमेरिका‑भारत संबंधों में गहरे स्तर की सहजता और भरोसा बेशक प्रभावित हो सकता है।

व्यापार नीति का असर


इसके अलावा, जेक सुलिवन ने डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों की आलोचना की है, जिससे अमेरिकी “ब्रांड” वैश्विक स्तर पर कमजोर हो रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रंप की आक्रामक व्यापार रणनीतियों से भारत और जैसे महत्वपूर्ण साझेदार चीन की ओर खिसक सकते हैं, जो एक चिंताजनक प्रवृत्ति है। यह संकेत देता है कि आर्थिक और कूटनीतिक दोनो मोर्चों पर, डोनाल्ड ट्रंप की नीतियाँ भारत‑अमेरिका संबंधों को अनचाहे तरीके से बदल सकती हैं।

पूर्व अफसरों की क्या राय है?


एक अन्य पूर्व अधिकारी, जॉन कैरी (पूर्व विदेश मंत्री), ने भी डोनाल्ड ट्रंप के रवैये पर चिंता जताई। उन्होंने भारत‑अमेरिका व्यापार विवाद के दौरान मध्यस्थता नहीं करने के ट्रंप के रवैये की आलोचना की और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच रिश्ता कमजोर हो सकता है। उन्होंने अशोक (मोदी) और सरकार की ओर से कई सकारात्मक कदमों की सराहना की, लेकिन उस समय ट्रंप का रवैया इसे क्षति पहुँचा रहा था। इस तरह, पूर्व अमेरिकी अधिकारियों का यह कहना कि कुछ कदम दो साझेदारों के बीच दूरी बढ़ा सकते हैं, एक स्पष्ट चेतावनी है।

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