
दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस: ईडब्ल्यूएस आय सीमा बढ़ाने की मांग
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के मरीजों के लिए वार्षिक आय सीमा को बढ़ाकर ₹5 लाख करने की मांग की गई है। वर्तमान में यह सीमा ₹1 लाख प्रति वर्ष है, जिसकी वजह से कई मरीज आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज के पात्र नहीं बन पाते। इस मामले में दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस जारी किया गया है।
₹1 लाख की सीमा अब अव्यावहारिक
याचिकाकर्ता का कहना है कि मौजूदा ₹1 लाख की सीमा पुरानी और आज की आर्थिक परिस्थितियों में अव्यावहारिक है, क्योंकि चिकित्सा खर्च और जीवन-यापन की लागत में काफी वृद्धि हो चुकी है। इतनी कम सीमा रखने से कई वास्तविक ज़रूरतमंद मरीज सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो जाते हैं।
दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस
अदालत ने दोबारा स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस भेजा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ईडब्ल्यूएस मरीजों की आय सीमा में संशोधन किया जाएगा। सरकार की प्रतिक्रिया आने के बाद इस मामले की आगे सुनवाई होगी।
₹5 लाख सीमा से बढ़ेगा लाभार्थियों का दायरा
यदि आय सीमा को ₹5 लाख तक बढ़ा दिया जाता है, तो इससे उन लाभार्थियों का दायरा बढ़ जाएगा जिन्हें निजी अस्पतालों में मुफ्त या रियायती इलाज मिल सकता है। इन अस्पतालों को ईडब्ल्यूएस मरीजों के लिए एक निश्चित प्रतिशत बेड आरक्षित रखने होते हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर नई बहस
यह मामला राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और वहनीयता को लेकर जारी बहस को उजागर करता है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो निम्न मध्यम वर्ग और गरीबों के बीच आते हैं और चिकित्सा खर्च वहन करने में संघर्ष कर रहे हैं। इसीलिए दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाता है।
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