AAP सरकार की याचिकाएं अब इतिहास! नई सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी वापसी की अर्जी

दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने उपराज्यपाल (एलजी) के अधिकारों को चुनौती देने वाली पुरानी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट से वापस लेने का फैसला किया है। ये याचिकाएं आम आदमी पार्टी (AAP) की पिछली सरकार द्वारा विभिन्न मुद्दों पर दायर की गई थीं। गुरुवार (22 मई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, दिल्ली सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत होकर सात याचिकाएं वापस लेने की अनुमति मांगी। 


उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि एलजी को यमुना सफाई समिति की अध्यक्षता देने सहित विभिन्न विषयों पर दायर याचिकाएं अब आगे नहीं बढ़ाई जाएंगी और सरकार इन्हें वापस लेना चाहती है, ताकि न्यायालय का समय व्यर्थ न हो। कोर्ट ने सरकार के इस अनुरोध पर सहमति जताते हुए शुक्रवार (23 मई, 2025) को सभी सात याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। यदि याचिकाएं आधिकारिक रूप से वापस ली जाती हैं, तो दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच लंबे समय से चली आ रही कानूनी जंग के कई अध्याय समाप्त हो सकते हैं।

दिल्ली में राजनीतिक बदलाव का असर पहले भी कानूनी रुख में स्पष्ट रूप से दिख चुका है। इस वर्ष 28 फरवरी को बीजेपी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के विरोध में दायर की गई याचिका को वापस ले लिया था। अदालत में सरकार ने स्पष्ट किया था कि वह अब इस केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना को राजधानी में लागू करना चाहती है।

कोर्ट ने इस रुख को रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी थी। अब एक बार फिर सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार ने अपनी कानूनी प्राथमिकताएं बदली हैं। पहले जहां केजरीवाल सरकार उपराज्यपाल के अधिकारों को चुनौती देती रही थी, वहीं अब रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बनी नई सरकार उन विवादों को शांत करने की दिशा में कदम उठा रही है।

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