
अबू धाबी में भारत का आतंक विरोधी मिशन, ऑपरेशन सिंदूर पर UAE ने दिखाई मजबूती
शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में यूएई के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। यह दौरा भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति और 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कूटनीतिक कोशिशों का हिस्सा है। बैठक के दौरान यूएई ने स्पष्ट रूप से आतंकवाद को "मानवता के लिए गंभीर खतरा" बताया और भारत के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रतिनिधिमंडल ने यूएई के संघीय राष्ट्रीय परिषद की रक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ. अली राशिद अल नुआमी और सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान से मुलाकात की।
बैठक के बाद डॉ. शिंदे ने कहा,
"हमारे समकक्षों के साथ बेहद सार्थक चर्चा हुई। यूएई ने स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ पूरी प्रतिबद्धता से खड़ा है। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल भारत पर नहीं, बल्कि मानवता पर था।"
डॉ. शिंदे ने यह भी कहा कि यूएई में भारतीय समुदाय जिस सुरक्षा, सम्मान और समृद्धि के साथ रह रहा है, वह भारत-यूएई रिश्तों की गहराई का प्रमाण है।
उन्होंने जोड़ा, “UAE जैसे देश का इस कठिन समय में भारत के साथ खड़े होना न सिर्फ रणनीतिक रूप से, बल्कि भावनात्मक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
यूएई के रक्षा, आंतरिक एवं विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष डॉ. अली राशिद अल नुआमी ने कहा,
“आतंकवाद की कोई राष्ट्रीयता नहीं होती, यह सम्पूर्ण मानवता पर हमला है। हम इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए भारत के साथ खड़े हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और खासतौर से सांसदों को मिलकर एक सामूहिक रणनीति बनानी चाहिए, जिससे दुनिया को एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित भविष्य मिल सके।
यूएई आतंकवाद की हालिया घटनाओं की निंदा करने वाला पहला देश बना है। इस स्तर पर मिले सहयोग से भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर राजनयिक और नैतिक बढ़त मिल रही है। इस बैठक को न केवल भारत-यूएई संबंधों के लिए, बल्कि वैश्विक आतंकवाद-निरोधी रणनीति के लिहाज़ से भी एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।
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