
केंद्र सरकार द्वारा जनगणना के साथ जातीय जनगणना (कास्ट सेंसस) कराए जाने के फैसले को विपक्षी दलों ने अपनी वैचारिक और राजनीतिक जीत के रूप में प्रस्तुत किया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक औपचारिक पत्र लिखकर कई अहम मांगें रखी हैं।
My letter to PM Sh. @narendramodi Ji.
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 3, 2025
The decision to conduct the caste census can be a transformative moment in our nation's journey towards equality. The millions who have struggled for this census await not just data but dignity, not just enumeration but empowerment.… pic.twitter.com/t2uszNfjOH
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री से विशेष रूप से यह आग्रह किया कि आरक्षण पर वर्तमान में लागू 50% की सीमा (कैप) पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के निष्कर्षों के आधार पर प्रोपोर्शनल रिजर्वेशन (जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण) लागू किया जाना न्यायोचित होगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने, संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) आधारित नौकरियों में आरक्षण सुनिश्चित करने, न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व के लिए आरक्षण का प्रावधान करने और मंडल आयोग की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू करने की भी मांग की।