तेजस्वी यादव ने पीएम को लिखा पत्र, जातीय जनगणना और आरक्षण सीमा पर दिए अहम सुझाव

केंद्र सरकार द्वारा जनगणना के साथ जातीय जनगणना (कास्ट सेंसस) कराए जाने के फैसले को विपक्षी दलों ने अपनी वैचारिक और राजनीतिक जीत के रूप में प्रस्तुत किया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक औपचारिक पत्र लिखकर कई अहम मांगें रखी हैं।

 

तेजस्वी यादव ने अपने पत्र को सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला भारत के सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी कदम सिद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा, “यह केवल एक आंकड़ा संग्रहण की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह उन करोड़ों लोगों के लिए सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में एक निर्णायक प्रयास है, जो वर्षों से इस अधिकार की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”

तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री से विशेष रूप से यह आग्रह किया कि आरक्षण पर वर्तमान में लागू 50% की सीमा (कैप) पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के निष्कर्षों के आधार पर प्रोपोर्शनल रिजर्वेशन (जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण) लागू किया जाना न्यायोचित होगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने, संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) आधारित नौकरियों में आरक्षण सुनिश्चित करने, न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व के लिए आरक्षण का प्रावधान करने और मंडल आयोग की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू करने की भी मांग की।

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