उत्तरकाशी बाढ़: राहत अभियान तेज, वायुसेना की तैनाती जारी, 11 सैनिकों का अब भी पता नहीं

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर बादल फटने के बाद आई विनाशकारी बाढ़(उत्तरकाशी बाढ़) ने भारी तबाही मचाई है। खीरगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ से आधा गांव पानी में बह गया, जबकि दर्जनों लोग अब भी लापता हैं। राज्य सरकार के मुताबिक, अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और करीब 150 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। राहत एवं बचाव कार्य तेज़ी से जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायज़ा लिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर सीएम धामी से बात कर स्थिति की जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।


 उत्तरकाशी बाढ़: वायुसेना ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया


हर्षिल क्षेत्र में भी अचानक आई बाढ़ के बाद भारतीय वायुसेना ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। बरेली स्थित Mi-17 और ALH Mk-III हेलिकॉप्टरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जबकि Agra से An-32 और C-295 विमानों को देहरादून भेजा गया है। भारतीय वायुसेना के अनुसार, रातोंरात बरेली और आगरा स्थित एयरबेस को सक्रिय कर दिया गया ताकि जवानों और राहत सामग्री को समय पर भेजा जा सके। हालांकि खराब मौसम और घने कोहरे के चलते उड़ानों में कुछ दिक्कतें आईं, लेकिन अब नागरिक-सैन्य संयुक्त अभियान बेहतर दृश्यता के बीच चल रहा है।

NDRF के उप महानिरीक्षक (DIG) मोहसिन शाहेदी ने बताया कि मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे उत्तरकाशी के कई गांवों में अचानक बाढ़ आ गई थी। इससे पहले तेज़ बारिश के चलते ऊंचाई वाले इलाकों में अस्थायी झील बनने की भी खबर है, हालांकि फिलहाल खतरा नहीं है। शाहेदी के अनुसार, तीन NDRF टीमें धराली गांव की ओर भेजी गई हैं, लेकिन भूस्खलन के कारण ऋषिकेश-उत्तरकाशी राजमार्ग बाधित हो गया है, जिससे पहुंचने में देरी हो रही है। अब तक की जानकारी के अनुसार, चार लोगों की मौत हुई है, 50 से अधिक लोग लापता हैं, और हर्षिल क्षेत्र से सेना के 11 जवानों का कोई पता नहीं चला है।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने जानकारी दी कि उसने किन्नौर कैलाश यात्रा पर निकले 413 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बचाया है। पहाड़ी रास्ता बाढ़ में बह गया था, जिसके चलते यात्रियों को रस्सियों की मदद से ‘ट्रैवर्स क्रॉसिंग’ तकनीक के जरिए पार कराया गया।

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