राम रहीम केस: 'आप सरकार ने फाइलें दबाईं', कांग्रेस विधायक परगट सिंह का बड़ा आरोप

कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने मंगलवार को पंजाब सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए 2015 के बेअदबी मामलों में न्याय दिलाने में हो रही देरी को लेकर भगवंत मान सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) के सत्ता में आने के बाद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख से संबंधित केस फाइलें ठंडे बस्ते में डाल दी गईं।


राम रहीम पर क्या बोले परगट सिंह

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, परगट सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ढाई साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी अब तक नहीं दी गई है। हमने इस मुद्दे को विधानसभा में बार-बार उठाया, लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया।" उन्होंने यह भी दावा किया कि आप के 95 विधायकों में से किसी ने भी इस मुद्दे पर कभी आवाज नहीं उठाई।कांग्रेस नेता ने अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया था। परगट सिंह ने कहा, "हमने जस्टिस रणजीत सिंह आयोग का गठन किया, एसआईटी जांच शुरू की गई और जब कार्रवाई धीमी पड़ी, तो कांग्रेस ने मुख्यमंत्री तक को बदल डाला। राहुल गांधी खुद पंजाब आए और लोगों को न्याय का भरोसा दिलाया।"

शिरोमणि अकाली दल को भी आड़े हाथों लिया


विधायक परगट सिंह ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, "सुखबीर बादल ने कभी भी डेरा प्रमुख का नाम नहीं लिया क्योंकि उनकी चिंता सिर्फ अपनी बठिंडा सीट बचाने की रही, न कि गुरु साहिब की बेअदबी के लिए न्याय दिलाने की।" उन्होंने दावा किया कि आप पार्टी से जुड़ी साजिश के तहत डेरा अनुयायियों के खिलाफ दर्ज मामले पंजाब से बाहर ट्रांसफर कर दिए गए। वरिष्ठ अधिवक्ता एच.एस. फुल्का भी इस साजिश का खुलासा कर चुके हैं।

परगट सिंह ने बताया कि मई 2022 में आप सरकार बनने के बाद अभियोजन की मंजूरी के लिए राम रहीम से संबंधित फाइल मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंपी गई थी, जिनके पास गृह विभाग भी है। उन्होंने कहा, "मैं दिसंबर 2022 में खुद मुख्यमंत्री से मिला था और विधानसभा में इस मुद्दे को तीन बार उठा चुका हूं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।"

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