
India in UN: भारत का पाकिस्तान पर तीखा हमला, सिंधु संधि और कश्मीर मुद्दे पर सुनाई खरी-खरी
संयुक्त राष्ट्र मंच(India in UN) पर पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर और सिंधु जल संधि का मुद्दा उठाया, लेकिन भारत ने उसे सख्त और करारा जवाब देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उसकी पोल खोल दी। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीष ने कहा कि एक ओर भारत है, एक परिपक्व लोकतंत्र, तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था, बहुलवादी और समावेशी समाज। दूसरी ओर पाकिस्तान है जो आतंकवाद और कट्टरता में जकड़ा हुआ है और IMF से बार-बार कर्ज मांगने को मजबूर है।”
India in UN: सिंधु जल संधि का मुद्दा उठाया
उन्होंने दो टूक कहा कि, "जब अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर चर्चा हो रही हो, तब आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त न करने का सिद्धांत सर्वोपरि होना चाहिए। जो देश खुद आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहन देते हैं, उन्हें इस मंच से दूसरों को उपदेश देना शोभा नहीं देता।” पर्वतनेनी हरीष ने कहा कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
उन्होंने पाकिस्तान को चेताया कि, “सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर ‘अच्छे पड़ोसी’ के सिद्धांत का उल्लंघन करने वालों को इसकी गंभीर कीमत चुकानी होगी।” भारत ने एक बार फिर दोहराया कि जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न अंग है और इसकी संप्रभुता पर सवाल उठाना पूरी तरह अस्वीकार्य है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का विषय तब तक नहीं हो सकता जब तक पाकिस्तान खुद अपने उल्लंघनों का समाधान नहीं करता।
संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर हुई बैठक में हरीष ने कहा, “जब हम संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों की भविष्य की रूपरेखा पर गंभीर विमर्श कर रहे हैं, ऐसे में पाकिस्तान का बार-बार कश्मीर मुद्दा उठाना न सिर्फ अनुचित है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय विमर्श को भटकाने की साज़िश भी है।”
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी विवाद के शांतिपूर्ण समाधान में सबसे अहम तत्व है— राष्ट्रों की संप्रभुता और विवाद में शामिल पक्षों की सहमति।
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