सूत्रों का दावा: आतंकी हमले को अब ‘युद्ध कार्रवाई’ मानेगी भारत सरकार

पाकिस्तान की नाकाम उकसावे की कोशिशों के बीच भारत सरकार ने शनिवार (10 मई, 2025) को एक महत्वपूर्ण और सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा निर्णय लिया है। भारत के शीर्ष सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में देश में यदि कोई आतंकवादी हमला होता है, तो उसे "युद्ध कार्रवाई" माना जाएगा और उसका उत्तर भी उसी स्तर पर दिया जाएगा। भारतीय सेना ने जानकारी दी कि उसने पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान द्वारा ड्रोन, लंबी दूरी के हथियारों और लड़ाकू विमानों के माध्यम से किए गए हमलों को प्रभावी ढंग से नाकाम कर दिया है। सेना ने कहा कि पाकिस्तान अपने सैनिकों की तैनाती सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ा रहा है, जो उसके आक्रामक इरादों का संकेत है। सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि वह हर स्तर पर अभियानगत रूप से पूरी तरह सतर्क और तैयार है।


बढ़ते तनाव के बीच, शुक्रवार (9 मई) को आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में सैन्य प्रवक्ता कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाएं तनाव न बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं—बशर्ते पाकिस्तान भी ऐसा ही करे। इस सम्मेलन में विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे। विदेश सचिव मिसरी ने पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों को "उकसाने वाली" और "तनाव बढ़ाने वाली" बताते हुए कहा कि भारत ने उसका नपा-तुला और संयमित जवाब दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर और पंजाब में आम नागरिकों और असैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहा है।

कर्नल कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने एक "कायरतापूर्ण" हरकत करते हुए श्रीनगर, अवंतीपुरा और उधमपुर स्थित वायुसेना अड्डों पर हमले किए, जिनमें एक चिकित्सा केंद्र और स्कूल परिसर को भी निशाना बनाया गया। इसके अलावा पंजाब के कई वायुसेना अड्डों पर रात 1:40 बजे के बाद उच्च गति वाली मिसाइलों से हमले किए गए, जिससे कुछ हानि हुई है। भारतीय सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि इन सभी शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों का उचित और सटीक जवाब दिया गया। 

उन्होंने कहा, “त्वरित और सुनियोजित प्रतिक्रिया के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने केवल चिन्हित सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए।” जवाबी कार्रवाई में भारतीय लड़ाकू विमानों ने रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियां स्थित पाकिस्तानी सैन्य अड्डों पर सटीक हमले किए, जो मुख्य रूप से उनके कमांड सेंटर, रडार और हथियार भंडारण स्थलों को लक्षित करते थे। इसके अलावा पसरूर और सियालकोट एयरबेस के रडार ठिकानों को भी सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया। कर्नल कुरैशी ने स्पष्ट किया कि भारत ने इन कार्रवाइयों के दौरान अनावश्यक क्षति से बचने का पूरा ध्यान रखा।

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