
मनी लॉन्ड्रिंग केस: रॉबर्ट वाड्रा को कोर्ट का नोटिस, बढ़ीं कानूनी मुश्किलें
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने वाड्रा समेत अन्य प्रस्तावित आरोपियों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस पूर्व-संज्ञान (pre-cognizance) चरण में सुनवाई के लिए भेजा गया है। मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में वाड्रा और अन्य के खिलाफ आरोप-पत्र (चार्जशीट) दाखिल किया था।
ईडी चार्जशीट में रॉबर्ट वाड्रा का नाम
ईडी द्वारा दायर आरोप-पत्र में रॉबर्ट वाड्रा समेत तीन व्यक्तियों और आठ कंपनियों को आरोपी बताया गया है। कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया है कि सभी प्रस्तावित आरोपियों को आरोप-पत्र की कॉपी उपलब्ध कराई जाए।
इससे पहले ईडी ने शिकोहपुर ज़मीन सौदे से जुड़े इस मामले में एक पूरक अभियोजन शिकायत भी दाखिल की थी। यह मामला सितंबर 2018 का है, जब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रॉबर्ट वाड्रा, रियल एस्टेट कंपनी DLF और एक प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। आरोपों में भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और जालसाजी शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
ईडी के अनुसार, वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से करीब 3.5 एकड़ ज़मीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। आरोप है कि तत्कालीन हुड्डा सरकार ने इस ज़मीन का म्यूटेशन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी करते हुए, उसे कमर्शियल कॉलोनी में तब्दील करने की मंज़ूरी दी।
इसके बाद स्काईलाइट कंपनी को आवासीय परियोजना का लाइसेंस मिला, जिससे ज़मीन की कीमत कई गुना बढ़ गई। कंपनी ने यह ज़मीन आगे चलकर DLF को करीब 58 करोड़ रुपये में बेच दी। हुड्डा सरकार ने बाद में वह लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर कर दिया। जांच एजेंसियों का आरोप है कि इस पूरे सौदे में कई अनियमितताएं हुईं।
इस ज़मीन सौदे की कथित गड़बड़ियों का खुलासा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने किया था, जिसके बाद मामला सुर्खियों में आया। 2018 में हरियाणा पुलिस ने इस सौदे से संबंधित केस दर्ज किया, और बाद में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की। दिसंबर 2023 में ईडी ने यूएई के व्यवसायी सीसी थंपी और ब्रिटेन के हथियार डीलर संजय भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें वाड्रा और प्रियंका गांधी का नाम प्रत्यक्ष आरोपी के रूप में शामिल नहीं है, लेकिन उनकी ज़मीन से जुड़ी डीलिंग का विवरण दस्तावेज़ों में मौजूद है।
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