
New Delhi Stampede: सरकार ने बताई असली वजह, संसद में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़(New Delhi Stampede) को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में गंभीर खुलासे किए हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के एक लिखित प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि 15 फरवरी को हुई इस त्रासदी में 4 बच्चों और 11 महिलाओं समेत कुल 15 लोगों की जान गई। यह भगदड़ रात के वक्त प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 को जोड़ने वाली सीढ़ियों पर हुई थी।
New Delhi Stampede: संसद में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
रेल मंत्री ने बताया कि एक यात्री के सिर पर रखा भारी सामान अचानक गिर पड़ा, जिससे फुटओवर ब्रिज नंबर 3 पर अफरा-तफरी मच गई। इसी दौरान प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रही भीड़ में दबाव बढ़ा और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों की मौत दम घुटने से हुई। मंत्री ने बताया कि जांच समिति ने पाया कि स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए आवश्यक इंतज़ाम किए गए थे, लेकिन रात 8:15 बजे के बाद यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ गई। कई यात्रियों के सिर पर भारी सामान रखा हुआ था, जिससे 25 फीट चौड़े फुटओवर ब्रिज पर आवाजाही में बाधा उत्पन्न हुई।
रेलवे रिकॉर्ड के अनुसार, शाम 6 बजे से स्टेशन पर 1,500 यात्रियों प्रति घंटे की दर से करीब 7,600 अनारक्षित टिकट बेचे गए थे।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की यह भगदड़ 2017 में मुंबई के एलफिंस्टन रोड स्टेशन पर हुई दुर्घटना के बाद सबसे भीषण मानी जा रही है। उस हादसे में 23 लोगों की जान गई थी। नई दिल्ली की घटना के बाद सरकार की तीखी आलोचना हुई और रेलवे की भीड़ प्रबंधन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए। रेल मंत्री ने संसद में जानकारी दी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए देश के 73 सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों पर विशेष भीड़ नियंत्रण उपाय लागू किए जा रहे हैं। इनमें नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और गाजियाबाद जैसे स्टेशन शामिल हैं।
इन उपायों में शामिल होंगे: स्टेशनों के बाहर स्थायी होल्डिंग एरिया का निर्माण, केवल कन्फर्म टिकट वालों को प्लेटफॉर्म तक पहुंचने की अनुमति, अनारक्षित या बिना टिकट यात्रियों के लिए अलग प्रतीक्षा क्षेत्र, सभी अवैध प्रवेश मार्गों को बंद करना और चौड़े और सुरक्षित फुटओवर ब्रिज का निर्माण। रेल मंत्री ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ स्टेशनों पर यह योजना पहले से लागू की जा चुकी है और आगे पूरे देश में इसे चरणबद्ध तरीके से विस्तारित किया जाएगा।
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