
Bihar: तेजस्वी यादव बोले– मेरा नाम लिस्ट में नहीं, EC ने कहा– दावा ग़लत, लिस्ट में मौजूद हैं
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पहली संशोधित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी। राज्य के सभी 38 जिलों की इस सूची में कुल 65,64,075 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। आयोग के अनुसार, राज्य में अब 7,24,05,756 पंजीकृत मतदाता हैं, जबकि पहले यह संख्या 7,89,69,844 थी। सबसे ज्यादा नाम पटना जिले में हटाए गए हैं।
तेजस्वी यादव का आरोप: पारदर्शिता नहीं, मेरा नाम भी लिस्ट से गायब
राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“एसआईआर प्रक्रिया को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई। न तो राजनीतिक दलों को भरोसे में लिया गया, न ही सुप्रीम कोर्ट के सुझावों पर अमल हुआ। मेरा खुद का नाम वोटर लिस्ट से गायब है।”
तेजस्वी ने दावा किया कि लगभग हर विधानसभा क्षेत्र से 20-30 हजार नाम हटाए गए हैं, और यह गरीब व प्रवासी तबकों को सबसे अधिक प्रभावित करेगा।
तेजस्वी यादव के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए उनके दावे को ग़लत बताया। आयोग ने कहा कि तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट में 416वें क्रम पर मौजूद है, लेकिन उन्होंने जिस EPIC नंबर से जानकारी तलाशने की कोशिश की थी, वह बदल चुका है।
आयोग के मुताबिक, "EPIC नंबर अपडेट होने के कारण तेजस्वी यादव को नाम नहीं दिखा। नया EPIC नंबर डालने पर उनका नाम स्पष्ट रूप से सूची में उपलब्ध है।"
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन और सटीक बनाना होता है। इसमें मृतकों, दोहराव वाले नामों और गलत प्रविष्टियों को हटाया जाता है। इस प्रक्रिया को लेकर राज्य में पहले भी विवाद और विरोध के स्वर उठे हैं, खासकर विपक्षी दलों की ओर से।
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