वडोदरा पुल हादसा: अब तक 15 शव बरामद, 3 लोग लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

गुजरात के वडोदरा पुल हादसा में अब तक 15 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। यह पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता था, जो महिसागर नदी पर बना हुआ है। गुरुवार को दो और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। वडोदरा पुल हादसे में एक ही परिवार के कई सदस्यों की भी जान चली गई। वहीं, तीन लोग अब भी लापता हैं। वडोदरा के जिलाधिकारी अनिल धमेलिया ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा, "हमारी टीमें नदी के चार किलोमीटर क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रही हैं। अब तक 15 शव बरामद किए जा चुके हैं, और तीन लोग अभी भी लापता हैं। लोग लापता व्यक्तियों के बारे में जानकारी देने के लिए हमारे कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकते हैं।" 


धमेलिया ने बताया कि नदी में गिरे वाहनों के भीतर कितने लोग सवार थे, इसका स्पष्ट विवरण अब तक नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि नदी की तलहटी में तीन मीटर गहरे कीचड़ और तेज बहाव के कारण बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। कीचड़ के कारण मशीनें भी काम नहीं कर पा रहीं। ऐसे में नदी के बीच डूबे वाहनों तक पहुंचने के लिए किनारे पर एक अस्थायी पुल का निर्माण किया जा रहा है।

कैसे हुआ वडोदरा पुल हादसा?

बुधवार सुबह महिसागर नदी पर बने गंभीरा पुल का लगभग 10 से 15 मीटर लंबा स्लैब अचानक ढह गया, जिससे छह वाहन दो ट्रक, दो वैन, एक ऑटोरिक्शा और एक मोटरसाइकिल सीधे नदी में जा गिरे। दो अन्य वाहन भी गिरने ही वाले थे, जिन्हें समय रहते खींचकर बचा लिया गया। मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोग तैरकर सुरक्षित निकल आए।

हादसे में अपने पति और दो छोटे बच्चों को खो चुकी सोनलबेन पढियार ने बताया, "हम सुबह 6:30 बजे वडोदरा के पादरा तालुका स्थित मुजपुर गांव से भावनगर के बगदाना मंदिर के दर्शन के लिए निकले थे। पुल पार करते समय स्लैब टूट गया और हमारी वैन एक ट्रक के नीचे दब गई। मैं पीछे बैठी थी, किसी तरह बाहर निकल आई, लेकिन मेरे पति और बच्चे फंस गए। मैं करीब एक घंटे तक मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन कोई नहीं आया।"

गुजरात के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि यह पुल 1985 में बना था और नियमित रूप से इसका रखरखाव किया जाता रहा है। हादसे के पीछे की असली वजह जानने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। सामने आई तस्वीरों में पुल के दो खंभों के बीच स्लैब पूरी तरह से ढहता हुआ दिखाई दे रहा है। यह पुल करीब 900 मीटर लंबा है और इसमें कुल 23 खंभे हैं। यह वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला प्रमुख पुल था।

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