MLA ने की मारपीट, कैंटीन का लाइसेंस सस्पेंड, गायकवाड़ पर कार्रवाई कब?

महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ एक नए विवाद में फंस गए हैं। आरोप है कि उन्होंने एमएलए हॉस्टल कैंटीन के एक कर्मचारी की बासी भोजन परोसे जाने को लेकर पिटाई कर दी। इसके बाद प्रशासन ने कैंटीन का लाइसेंस निलंबित कर दिया है और मामले की जांच शुरू हो गई है।


संजय गायकवाड़ को बासी खाना परोसा गया 

संजय गायकवाड़ ने आरोप लगाया कि उन्हें बासी खाना परोसा गया था। विधायक की शिकायत पर महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने मौके से पनीर, दाल और सॉस जैसे खाद्य पदार्थों के नमूने इकट्ठा कर जांच के लिए लैब भेज दिया है। रिपोर्ट 14 दिनों में आने की संभावना है। घटना के बाद मीडिया से बातचीत में विधायक गायकवाड़ ने कहा, “मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। जब कोई लोकतांत्रिक भाषा नहीं समझता, तो मुझे इस भाषा का इस्तेमाल करना पड़ता है। अगर जरूरत पड़ी, तो फिर दोहराऊंगा।” उन्होंने दावा किया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर एक विधायक को बासी खाना परोसा जा सकता है, तो आम आदमी की हालत क्या होगी?

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें गायकवाड़ बनियान और तौलिया पहने कर्मचारी से बहस करते और बार-बार मारपीट करते दिख रहे हैं। वीडियो में उनके समर्थक भी कर्मचारियों के साथ अशोभनीय व्यवहार करते नजर आते हैं।

विपक्ष ने की निलंबन की मांग, सरकार ने कार्रवाई टाली

घटना के बाद विधान परिषद में विपक्ष ने मामला उठाया। शिवसेना (UBT) के नेता अनिल परब ने विधायक को निलंबित करने की मांग की और कहा कि इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह व्यवहार "गरिमा हीन" है और विधानसभा की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है। हालांकि, उन्होंने कार्रवाई की जिम्मेदारी अध्यक्ष और सभापति पर छोड़ दी। इस घटना का वीडियो लोगों में गलत संदेश देता है। विधायक को शिकायत करनी थी, किसी को पीटना जायज़ नहीं।

यह पहली बार नहीं है जब संजय गायकवाड़ विवादों में आए हैं। सितंबर 2024 में उन्होंने राहुल गांधी की टिप्पणी पर ‘जीभ काटने वाले को 11 लाख का इनाम’ देने की बात कही थी, जिस पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

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