बिहार बंद: राहुल-तेजस्वी के मंच पर नहीं चढ़ पाए कन्हैया और पप्पू यादव, सुरक्षा में तैनात जवानों ने रोका

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ हैं। चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत चल रही प्रक्रिया का विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बुधवार को महागठबंधन की ओर से 'बिहार बंद' का आयोजन किया गया, जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने पटना में विरोध मार्च की अगुवाई की।


कन्हैया कुमार को राहुल गांधी के रथ पर चढ़ने से रोका गया

इस विरोध मार्च के दौरान एक दिलचस्प राजनीतिक दृश्य सामने आया। जब कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ साझा मंच (खुला ट्रक) पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, तो सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया। यह दृश्य कैमरों में कैद हो गया और इसके बाद से कांग्रेस में आंतरिक कलह की अटकलें तेज हो गईं।

पप्पू यादव को भी मंच पर नहीं मिला स्थान

विरोध मार्च में निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी शामिल हुए, लेकिन उन्हें भी ट्रक पर चढ़ने की इजाज़त नहीं दी गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "जब लिस्ट में नाम ही नहीं था तो मंच पर क्यों जाता? मैं बस यह देखने गया था कि मेरे नेता राहुल गांधी सही-सलामत चढ़े या नहीं। बिहार बंद की कॉल कांग्रेस की थी, मैंने उसी के आदेश पर समर्थन किया, तेजस्वी यादव ने तो बाद में इस बंद का आह्वान किया।"  मार्च के दौरान राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा, "बिहार में भी महाराष्ट्र की तरह चुनाव चोरी की कोशिश हो रही है। चुनाव आयोग अब संविधान की रक्षा करने वाला नहीं, बल्कि बीजेपी के लिए काम करने वाला संस्थान बन गया है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।"

बिहार में 25 जून से 26 जुलाई तक विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया मानसून और बाढ़ के समय शुरू की गई है, जिससे गरीब और अशिक्षित मतदाताओं के नाम सूची से हट सकते हैं। वहीं चुनाव आयोग का दावा है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह संवैधानिक, पारदर्शी और सभी योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करने के लिए है।

For all the political updates download our Molitics App : Click here to Download
Article