
FATF रिपोर्ट में आतंकियों की डिजिटल फंडिंग का पर्दाफाश, पुलवामा और गोरखनाथ हमलों में अमेज़न का इस्तेमाल
वैश्विक आतंकी फंडिंग पर निगरानी रखने वाली संस्था एफ़एटीएफ़ (FATF) ने आतंकवाद की नई डिजिटल रणनीति पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि आतंकवादी संगठन ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए न सिर्फ हथियार और विस्फोटक सामग्री जुटा रहे हैं, बल्कि क्राउडफंडिंग और फर्जी खातों के ज़रिए फंडिंग भी कर रहे हैं। रिपोर्ट में दो भारतीय आतंकी घटनाओं 2019 का पुलवामा हमला और 2022 का गोरखनाथ मंदिर हमला का ज़िक्र करते हुए बताया गया है कि इन मामलों में आतंकियों ने अमेजन और पेपैल जैसे प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग किया था।
पुलवामा हमले में अमेजन से मंगवाया गया विस्फोटक रसायन
एफ़एटीएफ़ की रिपोर्ट के अनुसार, 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की जान गई थी। हमले की जांच में सामने आया कि आतंकियों ने विस्फोटक बनाने के लिए जरूरी एल्युमिनियम पाउडर अमेजन से ऑनलाइन खरीदा था। यह पदार्थ विस्फोट की तीव्रता को कई गुना बढ़ाने में इस्तेमाल हुआ।
भारतीय जांच एजेंसियों ने इस हमले में 19 आरोपियों को यूएपीए (UAPA) के तहत आरोपी बनाया, जिनमें सात विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इनमें आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार भी था। एफ़एटीएफ़ ने इस घटना को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के आतंकी फंडिंग में उपयोग का गंभीर उदाहरण बताया है।
गोरखनाथ मंदिर हमले में पेपैल और वीपीएन का सहारा
रिपोर्ट में 3 अप्रैल 2022 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले का भी उल्लेख किया गया है। इस हमले को अंजाम देने वाला व्यक्ति इस्लामिक स्टेट (ISIS) की विचारधारा से प्रभावित था। उसने मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर दरांती से हमला किया था।
जांच में पता चला कि हमलावर ने पेपैल के जरिए 44 अंतरराष्ट्रीय लेनदेन कर ISIS समर्थकों को करीब ₹6.69 लाख भेजे थे। इसके अलावा उसे ₹10,323 विदेशी स्रोतों से प्राप्त हुए। उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए वीपीएन सेवाओं का इस्तेमाल किया, जिससे उसका IP एड्रेस ट्रेस करना मुश्किल हो गया।
पेपैल ने संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए हमलावर का खाता निलंबित कर दिया, जिससे आगे की फंडिंग पर रोक लग सकी।
एफ़एटीएफ़ की रिपोर्ट में बिना किसी देश का नाम लिए कहा गया है कि कुछ राष्ट्र आतंकी संगठनों को प्रत्यक्ष वित्तीय और लॉजिस्टिक सहायता दे रहे हैं। भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है।
पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को एफ़एटीएफ़ की ब्लैकलिस्ट में डालने की मांग की थी। हाल ही में अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भी भारत ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने का औपचारिक अनुरोध किया।
एफ़एटीएफ़ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आतंकी संगठन अब पारंपरिक फंडिंग के बजाय डिजिटल पेमेंट, क्रिप्टो करेंसी, ई-कॉमर्स साइट्स और क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर रहे हैं। ये संगठन 3D प्रिंटर से हथियार बनाने वाली सामग्री, केमिकल्स और प्रचार सामग्री जैसे कपड़े, किताबें और म्यूजिक बेचकर भी धन इकट्ठा कर रहे हैं।
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