
'राज ठाकरे हमारे साथ नहीं'- पृथ्वीराज चव्हाण का बयान, कांग्रेस अकेले लड़ेगी निकाय चुनाव
महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ तब आया जब करीब दो दशक बाद शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे एक ही मंच पर दिखाई दिए। इसके बाद अब कांग्रेस की अगली रणनीति को लेकर कयास तेज हो गए हैं। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने संकेत दिए हैं कि पार्टी इस साल के अंत में होने वाले नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ सकती है।
कांग्रेस का निकाय चुनावों में अकेले उतरने का फैसला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चव्हाण ने कहा, "अगर कांग्रेस मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे प्रमुख शहरों के निकाय चुनावों में अकेले उतरने का फैसला करती है, तो इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए।" उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस की प्राथमिक प्रतिबद्धता इंडिया गठबंधन और उसके सहयोगी दलों- शिवसेना (UBT) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रति है। लेकिन यदि ये दल किसी अन्य 'समान विचारधारा वाली पार्टी' के साथ उप-गठबंधन करना चाहते हैं, तो वह उनका आंतरिक मामला है।
राज ठाकरे का नाम लिए बिना चव्हाण ने तीखा संकेत देते हुए कहा, "अगर हमारे सहयोगी उन लोगों के साथ गठबंधन करना चाहते हैं जो मूल रूप से कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा, अंबेडकरवादी संविधान और समावेशी राजनीति के विरोधी हैं, तो हम इसका समर्थन नहीं कर सकते।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस पहले भी कई बार स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ चुकी है और पार्टी उस विकल्प पर गंभीरता से विचार कर सकती है।
कांग्रेस क्यों रही ठाकरे भाइयों के मंच से दूर?
5 जुलाई को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे करीब 20 वर्षों बाद एक मंच पर नजर आए। इस आयोजन में एनसीपी (एसपी) की नेता सुप्रिया सुले भी शामिल हुईं, लेकिन कांग्रेस ने इससे दूरी बनाए रखी।
कांग्रेस और राज ठाकरे की एमएनएस के बीच लंबे समय से वैचारिक और राजनीतिक मतभेद रहे हैं। इसी कारण मंगलवार को एमएनएस के मार्च में जहां एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता मौजूद रहे, वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता अनुपस्थित दिखे।
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