
दुनिया को सुनाएंगे भारत की आवाज़, अमेरिका रवाना होने से पहले बोले शशि थरूर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने के उद्देश्य से कांग्रेस सांसद शशि थरूर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पांच देशों के दौरे पर रवाना हो गए हैं। रवाना होने से पहले थरूर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अब आतंकवाद पर भारत चुप नहीं बैठेगा। यह मिशन दुनिया को याद दिलाएगा कि भारत किन मूल्यों के साथ खड़ा है।” थरूर उन सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कर रहे हैं, जिन्हें हाल ही में सरकार ने विभिन्न वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष रखने के लिए नामित किया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से भले ही नाम न भेजा गया हो, लेकिन केंद्र सरकार ने शशि थरूर पर भरोसा जताते हुए उन्हें प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया।
शशि थरूर ने रवाना होने से पहले एक वीडियो संदेश में कहा, “मैं गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और अमेरिका के दौरे पर जा रहा हूं। हम इन देशों में भारत की आवाज़ बनेंगे, उस भारत की, जो आतंकवाद से पीड़ित रहा है। यह दौरा हमारे उन मूल्यों को भी दोहराएगा, जिनका भारत हमेशा समर्थन करता आया है लोकतंत्र, शांति और मानवाधिकार।”
थरूर ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ यह वैश्विक पहल सिर्फ एक राजनीतिक दौरा नहीं, बल्कि एक "मूल्य आधारित अभियान" है। “हम दुनिया को यह संदेश देने जा रहे हैं कि भारत अब आतंक पर खामोश नहीं रहेगा। हम नहीं चाहते कि वैश्विक समुदाय इस विषय पर उदासीन बना रहे,” उन्होंने कहा।
थरूर ने पीटीआई से बातचीत में बताया कि अमेरिकी दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल 9/11 स्मारक का भी दौरा करेगा, और वहां से यह याद दिलाएगा कि भारत भी दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है। थरूर ने कहा, “यह सिर्फ हालिया हमले की बात नहीं है, बल्कि पिछले 40 वर्षों में हमने लगातार आतंक का सामना किया है। अपनी तीखी कूटनीतिक शैली के लिए पहचाने जाने वाले शशि थरूर ने इस मौके पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच “किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता न तो मांगी गई है और न ही स्वीकार की गई है।” थरूर बोले, “अगर कोई देश सिर्फ फोन कॉल पर जानकारी लेता है, तो क्या वही मध्यस्थता हो जाती है? मेरे शब्दकोष में इसका कोई स्थान नहीं है।”
इस प्रतिनिधिमंडल में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियाँ शामिल हैं, जिनमें शशांक मणि त्रिपाठी, मिलिंद देवड़ा, सरफराज अहमद, और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं। इनका एकजुट संदेश है, भारत आतंकवाद के खिलाफ एकमत है और वैश्विक साझेदारी के लिए तैयार है।
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