शशि थरूर के खिलाफ मानहानि मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस, अगली सुनवाई 16 सितंबर को
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर को भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर द्वारा दायर किए गए मानहानि के मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह मामला राजीव चंद्रशेखर द्वारा उस आदेश के खिलाफ दायर किया गया था, जिसमें अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने थरूर को समन जारी करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा कि इस प्रकरण में विस्तृत विचार करने की आवश्यकता है, और संबंधित पक्षों को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाना चाहिए।
राजीव चंद्रशेखर ने आरोप लगाया है कि शशि थरूर ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर झूठे और अपमानजनक बयान दिए, जिसमें यह आरोप लगाया गया कि 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को रिश्वत दी गई थी। उनका दावा है कि इन बयानों का उद्देश्य उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना और आम चुनावों के परिणाम को प्रभावित करना था।
चंद्रशेखर का यह भी कहना है कि थरूर ने इन बयानों को जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से दिया, जबकि उन्हें अच्छी तरह से पता था कि ये आरोप पूरी तरह झूठे और निराधार हैं।
सुनवाई के दौरान, राजीव चंद्रशेखर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने जोर देकर कहा कि निचली अदालत ने इस मामले में उपलब्ध साक्ष्यों को गंभीरता से नहीं लिया और इस आधार पर मामला खारिज कर दिया कि प्रथम दृष्टया कोई मानहानि का मामला नहीं बनता। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि तिरुवनंतपुरम के आदर्श आचार संहिता उप-कलेक्टर और नोडल अधिकारी ने शशि थरूर के बयानों को अपुष्ट और भ्रामक मानते हुए उनके खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की थी।
अधिकारी ने यह भी आदेश दिया था कि मीडिया में प्रसारित आपत्तिजनक सामग्री को तुरंत हटाया जाए ताकि यह आगे किसी विवाद का कारण न बने। राजीव चंद्रशेखर का दावा है कि इस प्रकार के झूठे बयान न केवल उनकी छवि को खराब करने का प्रयास थे, बल्कि राजनीतिक माहौल को भी खराब करने का उद्देश्य रखते थे।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की गंभीरता को स्वीकार किया और अगली सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तारीख तय की है।