होशियारपुर में गिरी चीन की PL-15E मिसाइल के मलबे पर अमेरिका-फ्रांस ने मांगी जांच की इजाजत

 पंजाब के होशियारपुर जिले में हाल ही में चीन में बनी एक PL-15E मिसाइल का मलबा मिला है, जिसे पाकिस्तान ने भारत पर हमले के दौरान दागा था। यह मिसाइल हवा से हवा में लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है और पाकिस्तान के JF-17 फाइटर जेट पर लगाई जाती है। इसकी मारक दूरी करीब 145 किलोमीटर तक बताई जा रही है। इस मिसाइल के मलबे में कई अहम तकनीकी चीजें मिली हैं जैसे – रडार होमिंग सिस्टम, डेटा लिंक, दिशा तय करने वाली यूनिट और प्रोपल्शन सिस्टम। ये सभी चीजें मिसाइल की सटीक दिशा और ताकत को दिखाती हैं। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस मलबे से भारत को चीन की मिसाइल तकनीक को समझने में मदद मिलेगी और भारत अपनी मिसाइलों को और ज्यादा ताकतवर बना सकेगा। DRDO (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन) इस जानकारी का इस्तेमाल अपनी रिसर्च और सुरक्षा प्रणाली को बेहतर करने में करेगा।


अमेरिका, जापान, फ्रांस और 'फाइव आईज' जैसे बड़े देशों ने भी इस मलबे में काफी दिलचस्पी दिखाई है। उनके लिए भी यह एक बेहतरीन मौका है कि वे चीन की मिसाइल तकनीक को करीब से समझ सकें और अपने देश की सुरक्षा मजबूत कर सकें। यह घटना भारत-पाकिस्तान के बीच हाल में हुए सैन्य तनाव के दौरान की है, जब पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए थे। भारतीय वायुसेना ने इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया और दुश्मन की कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिनमें PL-15E मिसाइल भी शामिल थी। मलबे की जांच से जो जानकारी मिलेगी, वह भारत की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में तो मदद करेगी ही, साथ ही दुनिया के दूसरे देशों को भी चीन की तकनीक को बेहतर तरीके से समझने का मौका देगी। यह न केवल भारत के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी अहम साबित हो सकता है।


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