
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में छगन भुजबल की वापसी, धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद खाली था पद
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। शपथग्रहण समारोह राजभवन में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद रहे। मंत्रिमंडल विस्तार के तहत भुजबल को एक बार फिर मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ओबीसी समुदाय के प्रभावशाली नेता माने जाने वाले भुजबल इससे पहले भी कई अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, जिनमें गृह मंत्रालय भी शामिल है।
शपथग्रहण से पहले ही छगन भुजबल ने मीडिया से बातचीत में मंत्रिपद की पुष्टि करते हुए कहा था, "मुझे इस संबंध में जानकारी दे दी गई है।" शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा, "जैसा कहा जाता है, अगर अंत अच्छा हो तो सब अच्छा। मैंने कई विभागों की जिम्मेदारी निभाई है, और मुझे जो भी कार्य सौंपा जाएगा, उसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा। यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।" उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भुजबल की वापसी का स्वागत करते हुए कहा, "छगन भुजबल अनुभवी नेता हैं। उन्होंने कई बार मंत्रालयों का नेतृत्व किया है। सरकार को उनके अनुभव का निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।"
छगन भुजबल को पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे की जगह मंत्रिपद सौंपा गया है। मुंडे ने मार्च में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, बीड जिले की एक सरपंच की हत्या के मामले में उनके करीबी सहयोगी का नाम सामने आने के बाद उन पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया था। गौरतलब है कि भुजबल पिछले वर्ष दिसंबर में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल नहीं किए गए थे, जिससे उन्होंने खुलकर नाराज़गी जाहिर की थी। उन्होंने दावा किया था कि मुख्यमंत्री फडणवीस उन्हें मंत्रिपद देने के पक्ष में थे, लेकिन कुछ "कारणों" से ऐसा नहीं हो सका। इस मुद्दे पर उन्होंने मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात भी की थी।
छगन भुजबल महाराष्ट्र के नासिक जिले की येवला विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे राज्य की राजनीति में ओबीसी समुदाय के एक सशक्त और प्रभावशाली चेहरा माने जाते हैं। उनकी मंत्रिमंडल में वापसी को ओबीसी समुदाय में एक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है।
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