
"सेना को सलामी देने वाले मुसलमानों पर ही सवाल क्यों?"- सपा विधायक अबू आजमी
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आज़मी ने भारत-पाक संघर्ष और आंतरिक माहौल को लेकर केंद्र सरकार से संतुलित रुख अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि देश की 140 करोड़ आबादी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, और भारतीय सेना की कार्रवाई को सभी समुदायों ने सराहा है।
अबू आज़मी ने कहा, “कश्मीर के मुसलमानों ने न सिर्फ आतिथ्यभाव दिखाया, बल्कि दिल खोलकर भारत का साथ दिया। टूरिस्ट्स के लिए घरों के दरवाज़े खोलना इसका प्रमाण है। इसके बावजूद, देश के भीतर कई मुस्लिम नागरिकों को धर्म के आधार पर शक की निगाह से देखा जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।”
उन्होंने दावा किया कि हाल के वर्षों में कम से कम 200 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें निर्दोष मुसलमानों को केवल उनकी धार्मिक पहचान के चलते परेशान किया गया।
सपा विधायक ने हाल ही में चर्चा में आईं सेना की अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, “ऐसी अफसरों की राष्ट्रभक्ति पर सवाल उठाना पूरी कौम का अपमान है। इस देश में हर धर्म के लोग भारतीय सेना की ताकत और अखंडता का हिस्सा हैं।” आजमी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे खुले मंच से इस बात को स्वीकार करें कि भारत के मुसलमान आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से सरकार और सेना के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के एक बयान से देश के भीतर भरोसा और एकता का वातावरण और सशक्त हो सकता है।"
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच हालिया बयानबाज़ी पर टिप्पणी करते हुए अबू आज़मी ने कहा, “इस समय राजनीतिक बयानबाज़ी या विवादों से ज़्यादा ज़रूरी है कि हम सभी भारतीय एक सुर में सेना के साथ खड़े रहें। युद्ध जैसे हालात में सवाल-जवाब की नहीं, समर्थन और एकता की ज़रूरत होती है।” उन्होंने कहा, “देश की सीमाओं पर हमारी सेना डटी हुई है। ऐसे वक्त में राजनीतिक दलों का कर्तव्य है कि हम एक स्वर में सेना और देश की सुरक्षा नीति के साथ खड़े रहें, चाहे हमारी विचारधारा कुछ भी हो। यही समय की मांग है और यही राष्ट्रधर्म भी है।”
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