
बिहार में राहुल गांधी पर दो FIR, कांग्रेस ने कहा- 'दलितों से बात करना अपराध कब से हो गया?'
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ बिहार में दो प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई हैं। ये एफआईआर दरभंगा में उनके दौरे को लेकर दर्ज की गई हैं, जहां उन्होंने बिना अनुमति के अंबेडकर हॉस्टल में छात्रों से मुलाकात की थी। पुलिस के अनुसार, राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं को जिला प्रशासन की ओर से राजेंद्र भवन (टाउन हॉल) में कार्यक्रम की अनुमति दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अंबेडकर हॉस्टल में अलग से बैठक की, जिसकी अनुमति नहीं थी। पुलिस का कहना है कि यह आचरण भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 का उल्लंघन है।
एफआईआर को लेकर राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
"मेरे खिलाफ पहले से ही 30-32 केस हैं, ये मेरे लिए पदक की तरह हैं। मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।"
राहुल गांधी ने बिहार की बीजेपी-जेडीयू सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अंबेडकर हॉस्टल जाने से रोकने की कोशिश की गई।
हालांकि, बाद में वह वहां पहुंचे और छात्रों से बातचीत की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“क्या दलित, वंचित और पिछड़े वर्ग के छात्रों से संवाद करना संविधान के खिलाफ है? क्या उनसे उनकी शिक्षा और नौकरियों के बारे में बात करना अपराध है?”
अंबेडकर हॉस्टल में छात्रों से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने जाति जनगणना और प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के साथ "24 घंटे अन्याय होता है" और उन्हें शिक्षा से वंचित किया जाता है।
राहुल गांधी ने 50% आरक्षण की सीमा को भी चुनौती देते हुए कहा,
"इस दीवार को तोड़ने की जरूरत है, ताकि सभी वंचित वर्गों को न्याय मिल सके।"
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