
पीडीपी का चेतावनी भरा बयान – भारत-पाक के बीच युद्ध से सिर्फ तबाही होगी
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में भारत-पाकिस्तान के बीच गोलीबारी थमने से लोगों ने राहत की सांस ली है। कुपवाड़ा से लेकर सांबा तक, पिछले कुछ दिनों में भारी गोलाबारी ने स्थानीय लोगों की ज़िंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया। जान-माल के नुकसान के साथ कई परिवारों को पलायन का सामना करना पड़ा। इसी पृष्ठभूमि में, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने एक बार फिर दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
पीडीपी ने अपने मासिक न्यूज़लेटर में स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि इससे केवल विनाश होगा – वह भी दोनों ओर। पार्टी ने लिखा,
“अब समय है संयम का। यह विजय उत्सव का नहीं, बल्कि तनाव कम करने, संवाद शुरू करने और शांति के साथ पीछे हटने का समय है। अगर दोनों देश इस मौके को गंवा देते हैं, तो यह उनके लिए आपदा से कम नहीं होगा।”
पीडीपी ने पीटीआई के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस महीने के शुरुआती दिनों में उपमहाद्वीप कुछ समय के लिए तबाही के बेहद करीब पहुंच गया था।
“मिसाइलें छोड़ी गईं, ड्रोन सीमा के आर-पार उड़े और नियंत्रण रेखा के आसपास के हर गांव पर युद्ध का साया छा गया। यह केवल झड़प नहीं थी – यह एक पूर्ण युद्ध था। इसके परिणामस्वरूप बच्चों की मौतें हुईं, लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए और खेत रातोंरात सैन्य चौकियों में तब्दील हो गए।”
पीडीपी ने यह सवाल भी उठाया कि इस पूरी कार्रवाई से हासिल क्या हुआ? पार्टी ने कहा कि इस संघर्ष का कारण आतंकवाद का बदला लेना और देश की संप्रभुता की रक्षा बताया गया, लेकिन असल में जम्मू-कश्मीर के लोग एक बार फिर क्रॉसफायर में फंस गए।
“हमें बताया गया कि यह आतंक का बदला था, और एक कड़ा संदेश भेजने की आवश्यकता थी। लेकिन जब बात परमाणु शक्तियों की हो, तो संप्रभुता की भी सीमाएं होती हैं। इसकी कीमत निर्दोष नागरिकों को क्यों चुकानी पड़ती है?”
For all the political updates download our Molitics App :
Click here to Download