कर्तव्य भवन में गोपनीयता पर संकट? अफसर बोले- खुला ऑफिस लेआउट ठीक नहीं

कर्तव्य भवन में बने ऑफिस लेआउट से मंत्रालय से जुड़े कई अफ़सर नाराज़ हैं। नई दिल्ली स्थित कर्तव्य भवन जिसका उद्घाटन हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उद्घाटन से पहले ही अफसरों और कर्मचारियों ने नाराज़गी जताते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र भेज दिया था। यह पत्र सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विस (CSS) की ओर से लिखा गया है जो 13,000 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है। अब सवाल यह है कि इतने आधुनिक और भव्य कार्यालय में शिफ्ट होने के बावजूद अफसर नाखुश क्यों हैं?

कर्तव्य भवन को लेकर  CSS ने अपने पत्र में क्या लिखा?


CSS फोरम के महासचिव यतेन्द्र चंदेल ने पत्र में दावा किया है कि कर्तव्य भवन-3 का ऑफिस लेआउट गोपनीयता और कार्यकुशलता दोनों के लिए नुकसानदेह है।

  • अफसरों को तय मानकों से कम कार्यक्षेत्र (स्पेस) दिया गया है।
  • अंडर सेक्रेटरी संवेदनशील और गोपनीय मामलों पर काम करते हैं, इसलिए उन्हें निजी केबिन की जरूरत होती है। 
  • खुले ऑफिस स्पेस में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ होने वाली चर्चाएं कोई भी सुन सकता है, जिससे गोपनीयता भंग होने का खतरा है।
पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि IAS सहित अन्य सेवाओं के डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर-स्तरीय अधिकारियों को उनकी रैंक के मुताबिक व्यक्तिगत कमरे मिले हैं, जबकि CSS अधिकारियों के साथ भेदभाव हुआ है।

सरकार का मकसद और योजना


सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत सरकार का लक्ष्य है कि सभी मंत्रालयों को एक ही परिसर में लाया जाए। फिलहाल कई मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों में काम कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि आधुनिक और बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध कराने के लिए मंत्रालयों को कर्तव्य भवन में शिफ्ट किया जा रहा है। आने वाले समय में गृह, वित्त और विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी इसी बिल्डिंग से काम करेंगे।

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