
राहुल गांधी को चुनाव आयोग का अल्टीमेटम: शपथ पत्र दें या माफी मांगें
देशभर में विपक्ष लगातार चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में चुनाव आयोग पर कई आरोप लगाए। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी के इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा जवाब दिया है। राहुल ने आरोप लगाया था कि आयोग ने भाजपा से मिलीभगत कर मतदाता सूची में हेराफेरी की, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरा कार्यकाल मिला।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि यदि राहुल गांधी अपने विश्लेषण और आरोपों पर विश्वास रखते हैं, तो उन्हें शपथ-पत्र देने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर विपक्ष के नेता ऐसा नहीं करते, तो यह माना जाएगा कि उन्हें अपने ही आरोपों पर भरोसा नहीं है। ऐसे में, उन्हें झूठे और आधारहीन आरोपों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
राहुल गांधी से पहले भी सबूत मांग चुका है चुनाव आयोग
कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र महादेवपुरा में मतदाता सूची में गड़बड़ी के राहुल गांधी के आरोपों का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पहले ही उन्हें शपथ-पत्र देकर सबूत पेश करने को कहा था। यही नहीं, 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कथित धांधली के मामले में भी राज्य निर्वाचन आयोग ने उनसे मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के प्रमाण देने को कहा था।
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने दावा किया कि चुनाव आयोग और भाजपा के बीच गठजोड़ हुआ, जिसके चलते भाजपा ने चुनावी व्यवस्था को कमजोर किया। उन्होंने कहा,
"नरेंद्र मोदी महज 25 सीटों के अंतर से प्रधानमंत्री बने। आयोग भाजपा की मदद कर रहा है ताकि लोकतंत्र को नष्ट किया जा सके। महादेवपुरा में हमें आंकड़े नहीं दिए जा रहे हैं। अगर अन्य सीटों पर भी ऐसा विश्लेषण हो, तो लोकतंत्र की सच्चाई सामने आ जाएगी।"
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