
राहुल गांधी का आरोप: EVM के दौर में भी महीनों चलता है चुनाव, क्यों?
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM), मतदान प्रक्रिया और चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता को लेकर अपनी चिंताएं साझा कीं। राहुल गांधी ने कहा, "पहले के दौर में जब EVM नहीं थी, तब भी पूरे देश में एक ही दिन में चुनाव हो जाते थे। अब जब तकनीक आगे बढ़ी है, तो चुनाव कई-कई चरणों में कराए जाते हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?" उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया अब पहले जैसी पारदर्शी नहीं रही और बीजेपी पर सत्ता में रहते हुए चुनावी लाभ लेने का आरोप लगाया।
EVM के दौर में भी महीनों क्यों चलता है चुनाव- राहुल गांधी
राहुल ने कहा,
"लोकतंत्र में हर पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ता है, लेकिन अजीब बात है कि बीजेपी पर इसका असर नहीं पड़ता। वो इकलौती पार्टी है जिस पर सत्ता विरोधी लहर बेअसर नजर आती है।" राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल और कांग्रेस के आंतरिक सर्वे के नतीजे, अक्सर अंतिम परिणामों से मेल नहीं खाते। हरियाणा और मध्य प्रदेश में हमारे सर्वे में जो दिखा, वही ओपिनियन पोल्स ने भी दिखाया लेकिन आख़िरी नतीजे बिल्कुल उलट आए।
राहुल गांधी ने कहा, "सत्ता-विरोधी भावना एक लोकतंत्र का स्वाभाविक पहलू है, जिससे हर राजनीतिक दल प्रभावित होता है। लेकिन हैरानी की बात है कि बीजेपी इस प्रभाव से पूरी तरह अछूती है। यह लोकतंत्र के लिए चिंताजनक संकेत है।"
उन्होंने एग्जिट पोल और चुनाव परिणामों के बीच विरोधाभास का हवाला देते हुए हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों का उदाहरण दिया। राहुल गांधी का कहना था कि एग्जिट पोल और जनमत सर्वेक्षण अक्सर एक दिशा में रुझान दिखाते हैं, लेकिन अंतिम नतीजे उससे बिल्कुल उलट होते हैं।उन्होंने कहा, “हमने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पाया कि नतीजों ने हमारे संदेह की पुष्टि की कि चुनाव दरअसल 'चुराए' गए थे।"
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस को मशीन-पठनीय मतदाता सूची देने से इनकार कर दिया, जिससे पार्टी को यह विश्वास हुआ कि आयोग भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच करीब एक करोड़ नए मतदाता सूची में जोड़े गए, जिनकी प्रमाणिकता पर संदेह है। राहुल ने कहा, "भारत की मतदाता सूची इस देश की सार्वजनिक संपत्ति है।" लेकिन जब हमने विश्लेषण किया तो पाया कि कई जगहों पर मतदान केंद्रों में वोटिंग की कोई असामान्य घटना नहीं थी, फिर भी नतीजे बदल गए। खासतौर से शाम 5:30 बजे के बाद फर्जी वोटिंग की बात कही जा रही है।” कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां 6.5 लाख मतदाताओं में से एक लाख से अधिक वोट 'डुप्लिकेट' या अवैध पते वाले पाए गए।राहुल गांधी ने कहा, “हमारी टीम ने पड़ताल कर पाया कि महादेवपुरा में एक लाख से ज्यादा डुप्लिकेट मतदाता हैं। ये वोट चोरी का खुला मामला है।"
For all the political updates download our Molitics App :
Click here to Download