
ट्रंप ने भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगाया, राहुल गांधी बोले- यह आर्थिक ब्लैकमेल
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 27 अगस्त से लागू होगा। इससे पहले भी अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिसके चलते अब कुल टैरिफ दर 50 प्रतिशत हो गई है। इस फैसले को लेकर भारत में सियासी हलचल तेज हो गई है। ट्रंप की इस घोषणा के बाद राहुल गांधी समेत कई विपक्ष के नेता केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने किया तीखा हमला
राहुल गांधी ने इस फैसले को आर्थिक ब्लैकमेल करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की।उन्होंने एक्स पर लिखा, "ट्रंप का 50% टैरिफ़ आर्थिक ब्लैकमेल है। यह भारत को एक अनुचित व्यापार समझौते के लिए धमकाने का प्रयास है। पीएम मोदी को अपनी कमज़ोरी को भारतीय हितों पर हावी नहीं होने देना चाहिए।" कांग्रेस ने आधिकारिक बयान में कहा,
"नरेंद्र मोदी के दोस्त ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया। ट्रंप लगातार भारत के खिलाफ निर्णय ले रहे हैं, लेकिन मोदी जी चुप हैं। प्रधानमंत्री को अब हिम्मत दिखानी चाहिए और ट्रंप को जवाब देना चाहिए।"
जयराम रमेश का विश्लेषण
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक विस्तृत पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की आलोचना की। उन्होंने याद दिलाया कि सितंबर 2019 में पीएम मोदी ने अमेरिका में "हाउडी मोदी" कार्यक्रम के दौरान खुले मंच से कहा था "अब की बार, ट्रंप सरकार!" और फरवरी 2020 में अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम की मेज़बानी की थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने ट्रंप प्रशासन की तमाम विवादास्पद विदेश नीतियों जैसे WTO, WHO, और पेरिस समझौते से हटने पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
रमेश ने लिखा की आज वही ट्रंप भारत पर अन्यायपूर्ण टैरिफ लगा रहे हैं और भारत सरकार चुप है। यह झप्पी-कूटनीति की विफलता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से सीख लेने की सलाह दी, जिन्होंने 1970 के दशक में अमेरिकी दबाव का डटकर सामना किया था।
शशि थरूर: यह भारत के लिए झटका है
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि अमेरिका का यह कदम भारत के निर्यात को नुकसान पहुंचा सकता है।
"अगर भारत से अमेरिका में आयातित सामान पर टैरिफ 50% हो जाता है, तो हमारे उत्पाद वहां महंगे हो जाएंगे। वियतनाम, इंडोनेशिया, बांग्लादेश जैसे प्रतिस्पर्धी देशों पर टैरिफ कम हैं। इससे अमेरिकी बाज़ार में हमारी स्थिति कमजोर होगी।"
उन्होंने सलाह दी कि भारत को अन्य देशों और बाजारों—जैसे ब्रिटेन और यूरोपीय संघ—के साथ व्यापार समझौतों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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