ट्रंप के दबाव पर नहीं झुकेंगे: पीएम मोदी बोले- बड़ी कीमत चुकानी पड़े तो भी मंजूर

अमेरिका के साथ बढ़ते टैरिफ तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हितों को सर्वोपरि बताते हुए स्पष्ट किया है कि भारत अपने कृषि और डेयरी सेक्टर से जुड़े हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए व्यक्तिगत स्तर पर कोई बड़ी कीमत भी चुकानी पड़े, तो वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।  नई दिल्ली में आयोजित एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती की लागत घटाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि देश में सोयाबीन, सरसों और मूंगफली जैसे फसलों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। पीएम मोदी ने कहा, "हमारे लिए किसानों, पशुपालकों और मछुआरों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत इन क्षेत्रों में कभी भी विदेशी दबाव में नहीं झुकेगा।" 


अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे नहीं झुकेगा भारत- पीएम मोदी


प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए अमेरिका से चल रहे टैरिफ वॉर के बीच एक बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकेगा नहीं, चाहे इसकी उन्हें राजनीतिक या कूटनीतिक कीमत क्यों न चुकानी पड़े। प्रधानमंत्री ने सरकार की किसान-हितैषी योजनाओं की चर्चा करते हुए कृषि क्षेत्र में हो रहे सुधारों को रेखांकित किया।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य किसानों की आय को बढ़ाना, खेती की लागत को कम करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि देश में सोयाबीन, सरसों और मूंगफली जैसी फसलों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजना और किसान संपदा योजना जैसी पहलों ने न केवल किसानों को सीधी सहायता दी है, बल्कि उनमें आत्मबल और भरोसा भी पैदा किया है। उन्होंने विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए कोऑपरेटिव और स्वयं सहायता समूहों के ज़रिए आर्थिक सशक्तिकरण को सरकार की उपलब्धियों में गिनाया।

इस बीच, अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में कृषि और डेयरी क्षेत्र को लेकर मतभेद गहराते रहे। अमेरिका चाहता था कि भारत अपने कृषि और डेयरी बाजारों को उनके उत्पादों के लिए खोले। इनमें सेब, बादाम, अखरोट और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलें जैसे सोयाबीन और मक्का शामिल हैं। इसके अलावा अमेरिका की मांग थी कि भारत डेयरी उत्पादों खासकर पनीर और दूध पाउडर  पर लगे टैरिफ और गैर-टैरिफ प्रतिबंधों को हटाए। हालांकि भारत ने इन मांगों का सख्त विरोध किया। इस टकराव के जवाब में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर दो चरणों में कुल 50% तक टैरिफ लगा दिए, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव और बढ़ गया।

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