
राहुल गांधी बोले- “मोदी सिर्फ प्रचार का चेहरा हैं, असली ताकत RSS के पास”
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने OBC भागीदारी महासम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने संबोधन में आत्ममंथन करते हुए स्वीकार किया कि OBC समुदाय की पीड़ा और संघर्षों को उन्होंने देर से समझा और यह उनकी राजनीतिक यात्रा की एक “बड़ी गलती” रही। राहुल गांधी ने कहा, "अगर मैंने यूपीए शासन के दौरान ओबीसी की समस्याओं को समय रहते समझ लिया होता, तो जातीय जनगणना उसी वक्त करवा दी होती।" इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद रहे।
OBC अधिकारों की लड़ाई शीर्ष प्राथमिकता पर- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के मुद्दों को लेकर जागरूकता तो समय पर आई, लेकिन OBC समाज की वास्तविक स्थिति को वह देर से पहचान सके। उन्होंने स्पष्ट स्वीकार किया, “मैंने मनरेगा, खाद्य सुरक्षा कानून, वन अधिकार कानून जैसे कई जनहितकारी कार्य किए, लेकिन OBC को लेकर चूक गया।" राहुल गांधी ने सम्मेलन में एलान किया कि अब OBC अधिकारों की लड़ाई उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी। जातीय जनगणना, आरक्षण की सीमा तोड़ने और OBC की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वह हर मोर्चे पर संघर्ष करने को तैयार हैं। राहुल ने कहा, "प्रियंका गांधी वाड्रा से पूछिए – अगर राहुल गांधी ठान ले, तो पीछे नहीं हटता।"
तेलंगाना की जातीय गणना: ‘सियासी सुनामी’
राहुल गांधी ने तेलंगाना की कांग्रेस सरकार द्वारा कराई गई जातीय गणना को 'तूफान' करार दिया और कहा कि इससे समाज में गहराई तक छिपी सामाजिक असमानताओं की परतें उजागर हो गई हैं।
राहुल बोले, “तेलंगाना के कॉरपोरेट दफ्तरों में कितने ओबीसी, दलित, आदिवासी हैं – एक मिनट में पता चल जाता है। यह गणना हिला देने वाली है।"
मोदी कोई बड़ी समस्या नहीं हैं- राहुल गांधी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी कोई बड़ी समस्या नहीं हैं, वह तो सिर्फ एक प्रचार का चेहरा हैं। असली समस्या RSS है।”
उन्होंने OBC समाज से अपील की कि वे यह पहचानें कि उनकी सबसे बड़ी बाधा RSS की सोच है, जो सामाजिक न्याय की राह में सबसे बड़ा अवरोधक है। राहुल गांधी ने दावा किया कि जातीय जनगणना के बाद 50% आरक्षण की सीमा अपने आप खत्म हो जाएगी, क्योंकि यह संविधान के सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने यह दीवार तोड़ने की शुरुआत कर दी है।
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