Modi In Britain: आतंक के खिलाफ वैश्विक एकजुटता जरूरी, दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे

भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाएगा। इस समझौते के तहत ब्रिटिश व्हिस्की, कारों और अन्य उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती की जाएगी, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में वार्षिक लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी का अनुमान है। समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ‘साझा समृद्धि का रोडमैप’ करार देते हुए कहा कि यह समझौता सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कई वर्षों की मेहनत के बाद आज दोनों देशों ने एक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता किया है। यह भारत के युवाओं, किसानों, मछुआरों और MSME सेक्टर के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगा।" 


Modi In Britain: आतंकवाद पर सख्त रुख


प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री द्वारा पहलगाम आतंकी हमले की निंदा के लिए आभार जताया और कहा कि लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने वाली अतिवादी विचारधाराओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, यूक्रेन संकट और पश्चिम एशिया की स्थिति जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी साझा दृष्टिकोण की पुष्टि की। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा, “आज के युग की मांग विस्तारवाद नहीं, विकासवाद है।" 

FTA: भारत के लिए अवसरों का विस्तार


एफटीए के तहत भारत को अपने 99% निर्यात पर यूके में शून्य या न्यूनतम शुल्क की सुविधा मिलेगी। इससे भारतीय टेक्सटाइल, फुटवियर, रत्न-आभूषण, सी-फूड और इंजीनियरिंग उत्पादों को ब्रिटेन में बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी। वहीं, भारतीय उपभोक्ताओं के लिए मेडिकल डिवाइसेज और एयरोस्पेस पार्ट्स जैसे ब्रिटिश उत्पाद सुलभ और सस्ते होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि कृषि और प्रोसेस्ड फूड उद्योग के लिए ब्रिटेन के बाजार में नए अवसर पैदा होंगे। यह समझौता भारत के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगा और एमएसएमई क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती देगा।

दोनों नेताओं ने भविष्य की रणनीतिक साझेदारी के लिए "विजन 2035" पर चर्चा करने की भी बात कही। यह रोडमैप तकनीक, रक्षा, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और जन-से-जन संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करेगा। इस ऐतिहासिक समझौते पर भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने हस्ताक्षर किए। भारत सरकार के अनुसार, इस एफटीए से न केवल द्विपक्षीय व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि निवेश और रोजगार के अवसरों में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

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