राहुल गांधी का EC पर हमला: कहा- ‘बयान बकवास है, हमारे पास 100% सबूत हैं’

बिहार में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक घमासान लगातार तेज हो रहा है। गुरुवार को संसद भवन के बाहर विपक्षी दलों ने एक बार फिर इस मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के हालिया बयान को “बकवास” करार देते हुए कहा, "यह एक बहुत गंभीर मामला है। चुनाव आयोग अब एक स्वतंत्र संस्था की तरह काम नहीं कर रहा। उन्होंने जो बयान दिया, वह पूरी तरह से बकवास है।"


100% सबूत हैं कि कर्नाटक की एक सीट पर धांधली हुई- राहुल गांधी


राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग जानबूझकर पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है। उन्होंने कहा, "हमारे पास कर्नाटक की एक विधानसभा सीट पर चुनावी गड़बड़ी के 100% ठोस सबूत हैं। हमने सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र की जांच की और उसमें ही बड़ी संख्या में गड़बड़ियां सामने आ गईं। इससे साफ है कि देशभर में वोटर सूची में हेरफेर की जा रही है।" उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में 40 से 60 वर्ष आयु वर्ग के नए मतदाताओं को अवैध रूप से जोड़ा गया है और वास्तविक मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। "अगर चुनाव आयोग और उसके अधिकारी सोचते हैं कि वे इससे बच निकलेंगे, तो वे गलतफहमी में हैं," राहुल गांधी ने चेतावनी दी।

बिहार विधानसभा में भी हंगामा


इस बीच, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और RJD नेता तेजस्वी यादव ने SIR को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से गरीब, प्रवासी और वंचित तबके के लोगों के वोटिंग अधिकार छीने जा रहे हैं। तेजस्वी ने कहा, "NDA SIR का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि चुनाव आयोग अब सरकार का राजनीतिक हथियार बन गया है। हमारी पार्टी चुनाव बहिष्कार तक के विकल्प पर विचार कर रही है।" तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि मतदाता सूची से नाम काटकर भाजपा-नीत सरकार लोकतंत्र की जड़ें कमजोर कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया, "अगर वोटर सूची ही संदिग्ध हो, तो चुनाव की निष्पक्षता कैसे तय होगी?"

बिहार में विधानसभा की कार्यवाही से पहले महागठबंधन के विधायकों ने विधानसभा परिसर में काला कुर्ता पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। उनके हाथों में SIR विरोधी बैनर और पोस्टर थे। प्रदर्शनकारियों ने "SIR वापस लो", "एनडीए सरकार हटाओ" और "वोटबंदी नहीं चलेगी" जैसे नारे लगाए। विपक्षी दलों ने मांग की कि विधानसभा में एसआईआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जाए।


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