
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर उमर अब्दुल्ला की तीखी प्रतिक्रिया, कांग्रेस पर भी साधा निशाना
जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हैरानी जताई है और उनके स्वस्थ जीवन की कामना की है। गांदरबल में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह शायद पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने इस तरह से अपना पद छोड़ा है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करता हूं।” उन्होंने आगे कहा कि “जाहिर है, स्वास्थ्य कारणों ने उन्हें और आगे सेवा करने की अनुमति नहीं दी। हमें उम्मीद है कि अगले उपराष्ट्रपति इस संवैधानिक पद की गरिमा और जिम्मेदारियों के साथ पूरी निष्ठा से न्याय करेंगे।”
जगदीप धनखड़ ने सोमवार को दिया था इस्तीफ़ा
जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से सोमवार, 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा था, जिसे मंगलवार, 22 जुलाई को स्वीकार कर लिया गया। उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस द्वारा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को शुरू करने से पहले न तो नेशनल कॉन्फ्रेंस से कोई बातचीत की और न ही INDIA गठबंधन की किसी बैठक में इसका ज़िक्र किया। अगर हमसे बात होती तो क्या हम विरोध करते? शायद नहीं।”
इस बीच, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारीक हमीद कर्रा ने कहा, “जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग अब जन आंदोलन का रूप ले चुकी है। हमने इसे हर गांव और जिले तक पहुंचाया है। अब हम सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वह इसी सत्र में इस पर विधेयक लेकर आए।”
उपसभापति करेंगे राज्यसभा की अध्यक्षता
धनखड़ के इस्तीफे के साथ ही राज्यसभा के सभापति का पद भी स्वतः रिक्त हो गया है, क्योंकि संविधान के अनुसार उपराष्ट्रपति पदेन राज्यसभा के सभापति होते हैं। ऐसे में जब उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, तो अब राज्यसभा की कार्यवाही उपसभापति हरिवंश प्रसाद की अध्यक्षता में चलेगी। हालांकि राष्ट्रपति चाहें तो किसी अन्य वरिष्ठ सदस्य को अस्थायी रूप से सभापति का कार्यभार सौंप सकती हैं।
जगदीप धनखड़ ने कार्यकाल के मध्य में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर इतिहास में अपना नाम उन गिने-चुने उपराष्ट्रपतियों में दर्ज करा लिया है जिन्होंने इस संवैधानिक पद से कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया। इससे पहले वी. वी. गिरि ने 20 जुलाई 1969 को और आर. वेंकटरमण ने 24 जुलाई 1987 को राष्ट्रपति चुनाव में उतरने के लिए इस्तीफा दिया था। वहीं, पूर्व उपराष्ट्रपति कृष्णकांत का कार्यकाल के दौरान निधन हो गया था।
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