
ED रेड के बाद गिरफ्तारी, कोर्ट ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को पांच दिन की रिमांड पर भेजा
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार, 18 जुलाई को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां से अदालत ने उन्हें 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया। गिरफ्तारी से पहले शुक्रवार सुबह ईडी की टीम ने दुर्ग जिले के भिलाई स्थित चैतन्य बघेल के आवास पर छापेमारी की थी। इस दौरान भारी पुलिस बल की तैनाती रही और कांग्रेस समर्थकों की भीड़ भी मौके पर जुटी।
भूपेश बघेल के बेटे को 5 दिन की रिमांड
ईडी ने बताया कि चैतन्य बघेल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 19 के तहत हिरासत में लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान उनके पास से कुछ नए साक्ष्य प्राप्त हुए, लेकिन चैतन्य जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। एजेंसी ने पहले दावा किया था कि चैतन्य बघेल कथित शराब घोटाले से अर्जित आय के संभावित ‘प्राप्तकर्ता’ हैं। ईडी के अनुसार, इस कथित घोटाले के चलते राज्य सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ और लगभग 2,100 करोड़ रुपये की अवैध कमाई एक संगठित शराब सिंडिकेट के जरिए बांटी गई।
कैसे हुआ घोटाला?
जांच में सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में एक संगठित शराब सिंडिकेट सक्रिय था। इसमें तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा, कारोबारी अनवर ढेबर, अफसर अनिल टुटेजा समेत कई प्रभावशाली लोग शामिल थे। इस सिंडिकेट ने डिस्टिलर्स से रिश्वत लेकर उन्हें तय बाजार हिस्सेदारी दी, सरकारी शराब दुकानों से बिना रिकॉर्ड देशी शराब बेची गई और सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल भी इसी नेटवर्क का हिस्सा थे और उन्हें कथित रूप से करोड़ों रुपये की अवैध राशि प्राप्त हुई। मार्च में ईडी ने चैतन्य के ठिकानों पर छापेमारी कर 30 लाख रुपये नकद, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे।
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