'राष्ट्रपति का अपमान'- खड़गे की टिप्पणी पर सियासत गरम, BJP ने मांगा जवाब

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के अन्य नेताओं पर तीखा हमला बोला है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाटिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं को उन व्यक्तियों से चिढ़ होती है, जो कड़ी मेहनत से देश के सर्वोच्च संवैधानिक पदों तक पहुंचते हैं। भाटिया ने कहा, "जब अधीर रंजन चौधरी ने माननीय राष्ट्रपति को 'राष्ट्रपत्नी' कहा था, तब उन्हें पत्रकारों से फटकार सुनने को मिली, लेकिन उन्होंने कोई पश्चाताप नहीं दिखाया। कांग्रेस नेताओं को न तो संवैधानिक पदों की गरिमा की परवाह है, न ही संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करने का संस्कार है। ये नेता केवल कांग्रेस आलाकमान के सामने झुकना जानते हैं।"


भाटिया ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर सीधा हमला करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बार-बार जानबूझकर अपमानजनक ढंग से "मुर्मा जी" कहा, और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को "कोविड" कहकर संबोधित किया। उन्होंने आगे कहा कि खरगे ने राष्ट्रपति मुर्मू को "भूमाफिया" करार देते हुए यह आरोप लगाया कि वह आदिवासियों की ज़मीन और जंगल हड़पने के लिए राष्ट्रपति बनी हैं।

भाटिया ने कहा, "यह बयान आदिवासी, दलित, महिला और संविधान विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। यह राहुल गांधी के इशारे पर चल रहे 'रिमोट कंट्रोल' अध्यक्ष की सोच है, जिसे पूरा देश नकार रहा है।" 

भाटिया ने कांग्रेस के अन्य नेताओं की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अजय कुमार, अधीर रंजन चौधरी और उदित राज जैसे नेताओं ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर विवादित बयान दिए हैं। उन्होंने कहा, "रॉबर्ट वाड्रा जैसे लोग असली भूमाफिया हैं, जिन्होंने कांग्रेस शासनकाल में ज़मीनें हड़पीं। लेकिन कांग्रेस अब देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को निशाना बना रही है, जो बेहद निंदनीय है।"  भाटिया ने सवाल किया कि क्या मल्लिकार्जुन खड़गे अब अपने बयान के लिए माफी मांगेंगे? क्या कांग्रेस उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएगी? या यह कांग्रेस की दलित-विरोधी सोच का हिस्सा है?

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