
मनसे का मराठी स्वाभिमान मार्च टला, पुलिस ने कार्यकर्ताओं को किया डिटेन, CM ने दी सफाई
मंगलवार, 8 जुलाई को मराठी भाषा को लेकर छिड़े विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और कई अन्य मराठी भाषा संगठनों ने राज्यव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया था। हालांकि, पुलिस ने इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद मनसे कार्यकर्ता मुंबई के मीरा रोड इलाके में जमा हुए, जहां पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इसको लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सफाई दी है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे जानबूझकर ऐसा मार्ग चुनना चाह रहे थे, जिससे टकराव की स्थिति उत्पन्न हो।
न्यूज एजेंसी से बातचीत में फडणवीस ने कहा,
"मैंने पुलिस से पूछा कि अनुमति क्यों नहीं दी गई। जानकारी मिली कि आयोजक जानबूझकर ऐसा मार्ग मांग रहे थे, जो संवेदनशील इलाका है और टकराव की आशंका थी। उन्हें वैकल्पिक और सुरक्षित मार्ग सुझाया गया, लेकिन उन्होंने मानने से इनकार कर दिया।"
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार मार्च या आंदोलन के खिलाफ नहीं है, लेकिन उसकी आड़ में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। फडणवीस ने जोड़ा, "अगर आयोजक शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना चाहते हैं तो प्रशासन तत्काल अनुमति देने को तैयार है। लेकिन यह कहना कि सिर्फ वही मार्ग तय होगा जो हम कहें, यह स्वीकार्य नहीं। उन्हें बार-बार मार्ग बदलने को कहा गया, लेकिन उन्होंने नहीं सुना।"
प्रदर्शन की घोषणा के बाद मनसे कार्यकर्ता मीरा रोड इलाके में जुटने लगे। राज ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने दावा किया कि आज यह तय होना चाहिए कि राज्य में पुलिस की ताकत ज्यादा है या मराठी मानुष की। प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया और कई मनसे कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया।
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