'बहुजन छात्रों से छीनी स्कॉलरशिप, सरकार ने बजट का बहाना बनाया'- राहुल का मोदी सरकार पर हमला

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उसे बहुजन विरोधी करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि जब कोई दलित, पिछड़ा या आदिवासी छात्र आगे बढ़ना चाहता है, तब ही सरकार को ‘बजट की कमी’ याद आती है। राहुल गांधी ने अंग्रेज़ी अख़बार में प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए नेशनल ओवरसीज़ स्कॉलरशिप (NOS) के तहत चयनित 106 छात्रों में से केवल 40 को ही प्रोविजनल स्कॉलरशिप दी है, जबकि शेष 66 छात्रों को फंड उपलब्ध होने की स्थिति में ही छात्रवृत्ति देने की बात कही गई है।


राहुल गांधी ने तीखे शब्दों में लिखा, "नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप में चयनित 106 में से 66 वंचित छात्रों को केवल इसलिए विदेश में पढ़ाई की छात्रवृत्ति नहीं दी गई क्योंकि सरकार के पास ‘फंड नहीं’ है। लेकिन मोदी जी की विदेश यात्राओं, प्रचार अभियानों और इवेंटबाज़ी पर हजारों करोड़ रुपये बिना किसी हिचक के खर्च किए जाते हैं।" 

उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी-आरएसएस नेताओं के बच्चों की शिक्षा में कोई अड़चन नहीं आती, लेकिन जैसे ही कोई बहुजन छात्र आगे बढ़ता है, पूरा सिस्टम उसके रास्ते में अड़ंगा डालने लगता है। कभी सरकारी स्कूलों को बंद करना, कभी 'नॉट फाउंड सूटेबल' कहकर योग्य उम्मीदवारों को नकारना, और कभी स्कॉलरशिप से हाथ खींच लेना, यह केवल अन्याय नहीं, बल्कि भाजपा का खुला बहुजन शिक्षा विरोध है। यही मनुवादी सोच आज फिर से एकलव्य का अंगूठा मांग रही है। 

राहुल गांधी ने सरकार से इस निर्णय को तत्काल पलटने की मांग करते हुए कहा कि 66 वंचित छात्रों को विदेश जाकर पढ़ने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस बहुजन छात्रों से शिक्षा का यह मौलिक अधिकार छीने जाने नहीं देगी।

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