
UP News: बलरामपुर में छांगुर की कोठी ध्वस्त, धर्मांतरण केस में प्रशासन ने दिखाई सख्ती
धर्मांतरण और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई तेज हो गई है। मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे मधुपुर स्थित उसकी आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाया गया। सीओ उतरौला राघवेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई शुरू की।
घर खाली कराया गया, मौके पर जुटी भीड़
कोठी के गेट के दाहिनी ओर बनी दो मंजिला इमारत में रह रहे लोगों को पहले ही बाहर निकालने के निर्देश दिए गए। प्रशासन की कार्रवाई को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए।
इससे पहले सोमवार शाम 6:30 बजे प्रशासन ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर कोठी के बाहर बेदखली का नोटिस चिपकाया था। प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह ने बताया कि नोटिस के बाद इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है।
कोठी में रह रहे लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई पर विरोध जताया। छांगुर की बहू साबिरा बाहर आईं और आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई से बच्चे डरे हुए हैं। इस पर थाना प्रभारी ने इन आरोपों को निराधार बताया। प्रदेश में हो रहे कथित जबरन धर्मांतरण के मामलों पर सिख और सिंधी समाज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस तरह की साजिश रचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। समाज के लोगों ने आरोपियों को फांसी देने की भी मांग की है।
एटीएस अब छांगुर के करीबी माने जाने वाले नवीन और नीतू रोहरा के संयुक्त अरब अमीरात (UAE) कनेक्शन की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक, 7वीं पास नीतू रोहरा ने 2014 से 2019 के बीच 19 बार UAE की यात्रा की, जबकि उनके पति नवीन रोहरा ने भी 2016 से 2020 के दौरान 19 बार UAE का दौरा किया। हालांकि दोनों केवल एक बार साथ गए, लेकिन लौटे अलग-अलग समय पर।
सूत्रों के अनुसार, नीतू, नवीन और समाले रोहरा ने 16 नवंबर 2015 को दुबई के अल-फारूक उमर बिन खत्ताब सेंटर में इस्लाम धर्म कबूल किया था, जिसे दुबई सरकार से प्रमाणन भी मिला था। लेकिन पासपोर्ट रिकॉर्ड में उनकी दुबई यात्रा की पुष्टि नहीं हो पाई है, जिससे शक है कि गिरोह के सदस्य फर्जी नामों से पासपोर्ट बनवाकर यात्रा करते थे। जांच एजेंसियों को शक है कि छांगुर गिरोह का नेटवर्क केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों और खाड़ी देशों में भी फैला हुआ है। यह गिरोह कथित रूप से विदेशी संगठनों के इशारे पर धर्मांतरण रैकेट संचालित कर रहा था।
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