राहुल गांधी के बयान पर भड़के सुधांशु त्रिवेदी: कहा– सेना के शौर्य पर सवाल, ये पाकिस्तान से भी आगे

लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "सरेंडर मोदी" कहे जाने वाले बयान पर सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस जहां इसे एक लोकतांत्रिक सवाल और विदेश नीति पर उठी वैध आलोचना बता रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे सीधे तौर पर भारतीय सेना और राष्ट्रीय सम्मान का अपमान करार दिया है। इस बयान को लेकर संसद से लेकर मीडिया के गलियारों तक राजनीतिक तूफान मचा हुआ है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनका बयान सिर्फ प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं है, बल्कि यह भारतीय सेना की बहादुरी और देश के स्वाभिमान का घोर अपमान है। त्रिवेदी ने तंज कसते हुए कहा, "हिंदी में कहावत है – 'नया मुल्ला ज्यादा प्याज खाता है', लेकिन यहां तो 'गैर मुल्ला' इतना प्याज खा गया कि उसे समझ ही नहीं आया कि वह क्या बोल रहा है।" उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी का बयान न केवल राजनीतिक मर्यादा की सीमाएं लांघता है, बल्कि वह सीधे-सीधे पाकिस्तान की सोच और बयानबाजी से मेल खाता है। त्रिवेदी ने तीखे लहजे में पूछा, "जो बात पाकिस्तान के जनरल, आतंकी सरगना हाफिज सईद या मसूद अजहर तक नहीं कहते, वही बात राहुल गांधी ने भारतीय संसद के पटल से कह दी। क्या वे अब पाकिस्तान की संसद के नेता बनना चाह रहे हैं?"

त्रिवेदी ने राहुल गांधी द्वारा भारतीय सेना की आतंक के खिलाफ हालिया जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर को "सरेंडर" करार देने को बेहद आपत्तिजनक बताया। “सेना ने देश की सुरक्षा के लिए एक साहसी अभियान को अंजाम दिया, और राहुल गांधी उसकी तुलना आत्मसमर्पण से कर रहे हैं। यह बयान केवल बचकाना नहीं, बल्कि राष्ट्रविरोधी मानसिकता का संकेत है।” उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहकर भी राहुल गांधी में "नेतृत्व की परिपक्वता और संवेदनशीलता का अभाव" है।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए राहुल गांधी के बयान को विदेश नीति पर सवाल उठाने का साहसी प्रयास बताया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, “राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर सवाल उठाया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत-चीन युद्ध को व्यापार के नाम पर रूकवाया। अगर भाजपा को इस पर आपत्ति है, तो प्रधानमंत्री खुद सामने आकर ट्रंप के बयान को खारिज करें।”।  कांग्रेस का यह भी कहना है कि भाजपा जानबूझकर सेना को इस बहस में खींचकर जनता की सहानुभूति बटोरने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ताओं का कहना है कि हमने सेना का अपमान नहीं किया। सवाल देश की विदेश नीति, प्रधानमंत्री की चुप्पी और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उनकी प्राथमिकताओं पर था। 

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