
भारत में निवेश को लेकर टेस्ला पर उठे सवाल, कुमारस्वामी बोले– सिर्फ शोरूम, फैक्ट्री नहीं
भारत में अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता टेस्ला के प्रवेश को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी देश में केवल शोरूम खोलने की योजना बना रही है, जबकि मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने को लेकर उसकी कोई गंभीर मंशा नहीं दिख रही। इस बीच अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि क्या टेस्ला प्रमुख एलन मस्क अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आकर भारत में निवेश से पीछे हट रहे हैं?
केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि टेस्ला भारत में केवल दो शोरूम शुरू करने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने भारत में उत्पादन या संयंत्र लगाने को लेकर अब तक कोई स्पष्ट प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है। मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए उनके मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल यह जानकारी अनौपचारिक स्रोतों से मिली है। “हमें असली स्थिति तब पता चलेगी जब टेस्ला की ओर से आधिकारिक आवेदन सामने आएगा। मंत्री जो कह रहे हैं, वह शुरुआती इनपुट हैं।”
बता दें कि मार्च 2025 में टेस्ला ने मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलने के लिए एक लीज समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह कदम कंपनी की भारत में इंपोर्टेड ईवी बेचने की योजना का हिस्सा माना गया। इससे पहले भी 2023-24 में कंपनी की भारत एंट्री की चर्चा तेज हुई थी, लेकिन योजना टल गई थी। फरवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप ने टेस्ला की भारत में फैक्ट्री खोलने की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा था कि यह 'अव्यवहारिक' कदम होगा। वहीं भारत सरकार ने मार्च 2024 में नई ईवी नीति लागू की थी, जिसके तहत यदि कोई विदेशी कंपनी भारत में कम से कम 486 मिलियन डॉलर का निवेश करती है, तो उसे आयातित ईवी पर इंपोर्ट ड्यूटी 70% से घटाकर 15% दी जाएगी। हालांकि यह छूट अधिकतम 8,000 गाड़ियों प्रति वर्ष पर सीमित है।
एलन मस्क पहले भी भारत में उच्च इंपोर्ट ड्यूटी की आलोचना कर चुके हैं और इसे कंपनी की भारत में मौजूदगी में सबसे बड़ी बाधा बताया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या टेस्ला केवल भारतीय बाजार में बिक्री कर मुनाफा कमाना चाहती है, जबकि निवेश से बच रही है?
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