गुटबाज़ी नहीं चलेगी, बदलाव बताओ – करेंगे : राहुल गांधी का MP कांग्रेस को साफ संदेश

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कांग्रेस के ‘संगठन सृजन अभियान’ की औपचारिक शुरुआत की। इस अभियान का लक्ष्य 2028 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी संगठन को पुनर्जीवित करना और बीते दो दशकों से निष्क्रिय पड़ी कांग्रेस की ज़मीनी ताकत को फिर से खड़ा करना है। अपने पांच घंटे के दौरे के दौरान राहुल गांधी ने पाँच महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लिया और नेताओं को गुटबाज़ी समाप्त कर एकजुटता के साथ काम करने का स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा, “गुटबाज़ी खत्म करें और मिलकर काम करें। कोई भी फैसला ऊपर से नहीं थोपा जाएगा। आपस में संवाद कर निर्णय लें। अगर बदलाव की ज़रूरत होगी, तो हम मिलकर करेंगे।”


राहुल गांधी ने संगठन के पुनर्गठन को लेकर बेहद स्पष्ट और कठोर रुख अपनाते हुए कहा कि कांग्रेस में किसी भी तरह की हेराफेरी को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बीजेपी की मदद करने वाले नेताओं की पहचान की जाए और संगठन में सही व्यक्ति को सही जगह मिले। कांग्रेस के मीडिया विभाग प्रमुख मुकेश नायक ने जानकारी दी कि राहुल गांधी ने जिला कांग्रेस कमेटियों को मज़बूत करने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा, “लोकसभा, विधानसभा, नगर निगम और नगर पालिका के चुनावों में उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में ज़िला कांग्रेस की भूमिका अहम होगी। इसके साथ ही उनकी जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जाएगी।”

उन्होंने यह भी बताया कि एआईसीसी और राज्य के पर्यवेक्षक मिलकर इस प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अंजाम देंगे। ब्लॉक, सेक्टर, वार्ड और पंचायत स्तर पर कांग्रेस कमेटियों का गठन युद्ध स्तर पर किया जाएगा, ताकि पार्टी एक मज़बूत संगठनात्मक ढांचा खड़ा कर सके। इंदिरा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित करते समय राहुल गांधी द्वारा जूते न उतारने को लेकर बीजेपी के हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुकेश नायक ने कहा, “हम कर्मकांडों में विश्वास नहीं करते। धर्म के नाम पर दिखावा करना, नकली संस्कृति दिखाना और अंधविश्वास फैलाना अब जनता समझ चुकी है। कांग्रेस का मकसद एक समता-आधारित और समावेशी समाज का निर्माण है।”

बैठकों में छिंदवाड़ा से सांसद नकुलनाथ की अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठे, जिस पर नायक ने संक्षिप्त जवाब दिया, “कमलनाथ जी आए हैं, यह पर्याप्त है।” बैठकों के दौरान नेताओं के मोबाइल फोन बंद रखवाए गए ताकि संगठनात्मक मुद्दों पर पूरी एकाग्रता बनी रहे। राहुल गांधी ने सभी वरिष्ठ नेताओं से सुझाव मांगे और एकजुट होकर 2028 में सत्ता में वापसी की तैयारी करने का आह्वान किया।

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