इंडिया गठबंधन की चिट्ठी से क्यों अलग हुए शरद पवार? सुप्रिया सुले ने तोड़ी चुप्पी

ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर विपक्षी दलों ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। इसके तहत इंडिया गठबंधन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है, जिस पर 16 दलों के नेताओं के हस्ताक्षर हैं। हालांकि, शरद पवार की पार्टी NCP (शरद पवार गुट) इस मांग से अलग रही, जिसे गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। अब इस पर NCP (एसपी) की सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से बात की थी और अनुरोध किया था कि विशेष सत्र की मांग को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए।


सुले ने कहा, "एक तरफ हम भारत सरकार के ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन कर रहे हैं और दूसरी तरफ विशेष सत्र की मांग कर रहे हैं। यह एक विरोधाभासी स्थिति पैदा कर सकती थी। इसी कारण हमने फैसला किया कि इस मांग को थोड़े समय के लिए टाल दिया जाए। हम इंडिया गठबंधन के साथ हैं, लेकिन शरद पवार हमेशा कहते हैं कि देश सर्वोपरि है।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके दल ने चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किए, ताकि किसी भी तरह के राजनीतिक टकराव से बचा जा सके।

सुप्रिया सुले से जब नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'सरेंडर' वाले बयान पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, "मैंने उनका पूरा बयान नहीं सुना है, लेकिन मैं यह जरूर कह सकती हूं कि भारत द्वारा अपनाई गई डि-एस्केलेशन प्रक्रिया (तनाव कम करने की नीति) की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराहना हो रही है।"

गौरतलब है कि सुप्रिया सुले हाल ही में भारत सरकार की ओर से भेजे गए एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थीं, जो विदेशों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखने गया था। सुले ने बताया, "हमारे सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया, मिस्र और कतर में आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को मजबूती से प्रस्तुत किया। इन सभी देशों ने भारत के रुख का समर्थन किया और पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की।"

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