जो महाराष्ट्र चाहता है वही होगा, राज ठाकरे से संभावित गठबंधन पर बोले उद्धव

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आने के आसार हैं। स्थानीय निकाय चुनावों से पहले यह चर्चा तेज़ हो गई है कि लंबे समय से अलग राह पर चल रहे शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं। इस संभावना को खुद उद्धव ठाकरे ने हवा दी है। शुक्रवार को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने आवास 'मातोश्री' में आयोजित एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने कहा, "जो महाराष्ट्र के दिल में गूंजेगा, वही होगा। शिवसैनिक और मनसे कार्यकर्ता एक-दूसरे के संपर्क में हैं। हम कोई संदेश नहीं भेजेंगे, हम सीधे समाचार पहुंचाएंगे।" यह बयान तब आया जब एक कार्यक्रम में शिंदे गुट के एक नेता ने शिवसेना (UBT) में शामिल होते हुए उद्धव ठाकरे से राज ठाकरे के साथ संभावित गठबंधन को लेकर सवाल किया।


राज ठाकरे भी बीते महीनों में कई बार मराठी एकता की बात कह चुके हैं। अप्रैल में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था, "महाराष्ट्र के अस्तित्व के सामने छोटे-मोटे झगड़े कोई मायने नहीं रखते। साथ आना मुश्किल नहीं, बस इच्छा होनी चाहिए।" 


हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि "जो महाराष्ट्र के हित के खिलाफ होगा, उसे घर बुलाकर खाना नहीं खिलाया जाएगा।" इससे पहले उद्धव ठाकरे भी कह चुके हैं कि मराठी एकता और महाराष्ट्र के व्यापक हितों के लिए वे निरर्थक झगड़े खत्म करने को तैयार हैं। उन्होंने सभी मराठीभाषियों से एकजुट होने की अपील की थी।


इन राजनीतिक संकेतों के बीच, राज्य में आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC), पुणे, ठाणे समेत कई नगर निकायों के चुनावों की तैयारी जोरों पर है। बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), शिवसेना (UBT), MNS और एनसीपी सभी ने चुनावी मोर्चा मजबूत करने की रणनीति शुरू कर दी है। ऐसे में ठाकरे बंधुओं की संभावित एकजुटता राज्य की राजनीति में नए समीकरण पैदा कर सकती है।

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