
Bengaluru Stampede: सरकार ने कोर्ट को बताया-1000 पुलिसवाले थे मौजूद, अगली सुनवाई 10 जून को
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को आईपीएल 2025 की जीत का जश्न मनाने के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए। इस हादसे पर गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस घटना पर सुनवाई की। कर्नाटक सरकार ने अदालत को सूचित किया कि स्टेडियम और आसपास के क्षेत्रों में कानून व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए शहर के पुलिस आयुक्त, डीसीपी और एसीपी सहित 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे। हालांकि, इससे एक दिन पहले उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने दावा किया था कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 5,000 पुलिसकर्मी मौजूद थे।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भगदड़ की इस त्रासदी पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी ने कोर्ट में कहा, "हम कोई प्रतिकूल रुख नहीं अपनाएंगे। अदालत जो भी निर्देश देगी, हम उसका पालन करेंगे।" न्यायालय ने कहा कि जश्न के दौरान हुई यह दुर्घटना दुखद है, और इसका कारण जानना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि महाधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया गया है और इस स्वतः संज्ञान को रिट याचिका के रूप में पंजीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं। अगली सुनवाई 10 जून, मंगलवार को होगी। पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि वे दोषारोपण से बचना चाहते हैं और केवल तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए 1,000 से अधिक कर्मी तैनात थे। स्टेडियम की क्षमता 35,000 है, लेकिन आमतौर पर 30,000 टिकट ही बिकते हैं। इस बार करीब 2.5 लाख लोग यह सोचकर आए थे कि प्रवेश निःशुल्क है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है, जिसकी अगुवाई बंगलूरू शहरी उपायुक्त करेंगे। घटना उस समय हुई जब बड़ी संख्या में लोग रॉयल चैंलेजर्स बेंगलुरु की आईपीएल जीत का जश्न मनाने के लिए स्टेडियम पहुंचे थे। सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की पीठ ने की।
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