वैष्णो देवी यात्रा में गिरावट पर बोले फारूक अब्दुल्ला, 'हमें खुद लोगों को दर्शन के लिए बुलाना होगा'

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने माता वैष्णो देवी यात्रा में श्रद्धालुओं की घटती संख्या को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इसे देश में हाल ही में हुई हिंसात्मक घटनाओं और युद्ध जैसे हालातों का परिणाम बताया और कहा कि इससे लोगों के मन में भय का वातावरण बन गया है, जो पवित्र यात्रा की रफ्तार को प्रभावित कर रहा है। 


फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "हमें स्वयं कटरा जाकर लोगों से आग्रह करना चाहिए कि वे माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आएं। यह यात्रा सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर की आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।" उन्होंने हाल ही की पहुचगाम आतंकी घटना का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं न सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश के माहौल को प्रभावित करती हैं।

फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर में खीर भवानी मेले और हजरत मीर सैयद अली हमदानी के उर्स के अवसर पर लोगों से मिलने पहुंचे। उन्होंने इन दोनों आयोजनों को कश्मीर की गंगा-जमुनी तहज़ीब और आपसी भाईचारे का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "आज घाटी में खीर भवानी मंदिर में हज़ारों श्रद्धालु जुटे हैं और साथ ही हजरत मीर सैयद अली हमदानी का उर्स भी मनाया जा रहा है। ये दोनों आयोजन इस बात की गवाही देते हैं कि कश्मीर की मिट्टी ने हमेशा हर धर्म और पंथ को अपनाया है।"

डॉ. अब्दुल्ला ने देशवासियों से एकता और भाईचारे की अपील करते हुए कहा कि "हमें किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र के भेदभाव से ऊपर उठकर एकजुट रहना होगा। अगर हम आपसी नफरत की बजाय सहयोग और प्रेम का रास्ता अपनाएं, तो देश में स्थायी शांति और समृद्धि संभव है।" उन्होंने आगे कहा, "कश्मीर में सदियों से भाईचारा रहा है और हम चाहते हैं कि यही भावना पूरे देश में भी कायम हो। हम जितना अधिक साथ रहेंगे, उतना ही बेहतर भविष्य हमारी पीढ़ियों को मिलेगा।"

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