
North-East में प्रकृति का कहर, बाढ़ और भूस्खलन से 36 मौतें, 5.5 लाख से ज्यादा प्रभावित
पूर्वोत्तर भारत के कई राज्य इन दिनों भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की त्रासदी झेल रहे हैं। अब तक इस प्राकृतिक आपदा में 36 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। सबसे अधिक प्रभावित राज्य असम है, जहां अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में 10, मेघालय में 6, मिजोरम में 5, सिक्किम में 3 और त्रिपुरा में 1 व्यक्ति की मृत्यु हुई है।
सिक्किम के मंगन जिले के लाचेन कस्बे के पास भूस्खलन की चपेट में आकर सेना का एक शिविर क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में 3 सैनिकों की मौत हो गई, जबकि 6 अन्य लापता हैं। सेना और NDRF की संयुक्त कार्रवाई में छातेन क्षेत्र से 34 लोगों को MI-17 V5 हेलीकॉप्टरों की मदद से एयरलिफ्ट कर निकाला गया। इनमें घायल सैनिक, उनके परिजन और पर्यटक शामिल थे।
असम में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही। राज्य के 22 जिलों के 1,254 गांवों में 5.35 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। सबसे अधिक असर श्रीभूमि जिले में देखा गया, जहां 1.94 लाख से अधिक लोग संकट में हैं। ब्रह्मपुत्र, बराक और कोपिली समेत 15 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सड़क और रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
मिजोरम की राजधानी आइजोल में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण चौथे दिन भी सभी स्कूल बंद रहे। राज्य में 24 मई से जारी बारिश के कारण 190 से अधिक स्थानों पर सड़कों और राजमार्गों पर भूस्खलन हुआ है। 200 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि 190 घरों को क्षति पहुंची है या वे पूरी तरह ढह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम, सिक्किम और मणिपुर के नेताओं से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली। उन्होंने सभी राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है। प्रधानमंत्री ने आपदा प्रबंधन एजेंसियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश भी दिए हैं।
For all the political updates download our Molitics App :
Click here to Download