कश्मीरी पंडितों की वापसी पर महबूबा मुफ्ती का ज़ोर, बोलीं- 'वापसी नहीं तो बहाली अधूरी'

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा से मुलाकात कर राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और मानवाधिकार से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने विशेष रूप से कश्मीरी पंडितों की पुनर्वापसी को लेकर चिंता जताई और इसे घाटी की राजनीतिक बहाली के लिए अनिवार्य बताया।


महबूबा मुफ्ती ने साफ शब्दों में कहा, “कश्मीरी पंडितों की वापसी के बिना घाटी में कोई भी राजनीतिक प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जा सकती। केवल सैन्य उपायों से स्थायी शांति संभव नहीं है। हमें सामाजिक समरसता और आपसी विश्वास की बहाली के लिए भी काम करना होगा।” उन्होंने बताया कि उन्होंने उपराज्यपाल को इस मुद्दे पर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है और इस दस्तावेज़ की प्रतियां नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजी जाएंगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस बात को लेकर यथार्थवादी हैं कि कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी एक दिन में नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, “घाटी छोड़ चुके कश्मीरी पंडितों में बड़ी संख्या प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम कर रहे कर्मचारियों की है। ये कर्मचारी ट्रांसफर और तैनाती को लेकर मानसिक दबाव में हैं। सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए, जिसमें उन्हें अपनी इच्छा के खिलाफ संवेदनशील या असुरक्षित इलाकों में तैनात न किया जाए।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पंडित समुदाय को राजनीतिक आरक्षण देकर उनकी भागीदारी को सुनिश्‍चित किया जाए, ताकि वे न केवल घाटी में लौटें, बल्कि वहां की राजनीतिक प्रक्रिया में भी सक्रिय भूमिका निभाएं।

महबूबा मुफ्ती ने आगामी अमरनाथ यात्रा पर भी LG से बातचीत की। उन्होंने कहा, “हमने यह आग्रह किया कि पीडीपी यात्रा में सहभागी बनना चाहती है। कश्मीरी जनता इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनने को उत्सुक है। हमने LG से मार्गदर्शन मांगा है कि हमारी पार्टी इसमें क्या भूमिका निभा सकती है।” इसके साथ ही उन्होंने आगामी ईद के मद्देनज़र एक मानवीय अपील भी की— “हमने LG से यह भी आग्रह किया है कि जिन कश्मीरी युवकों को जेल में बंद किया गया है, उन्हें कम से कम त्योहार के समय अपने घरों में लौटने का अवसर दिया जाए। उन्हें कश्मीर स्थानांतरित किया जाए।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, “अगर उमर अब्दुल्ला अपनी राजनीतिक मध्यस्थता का इस्तेमाल करने से खुद इनकार कर रहे हैं, तो हम क्या कर सकते हैं? वह खुद अपनी भूमिका को सीमित कर रहे हैं।”  महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह आने वाले खीर भवानी मेले में खुद शामिल होंगी। “मैं वहां राजनीति के लिए नहीं बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर कश्मीरी पंडितों का स्वागत करने जाऊंगी। यह पहल केवल सांकेतिक नहीं, बल्कि सच्ची सामाजिक एकजुटता की भावना से प्रेरित होगी।”

For all the political updates download our Molitics App : Click here to Download
Article